प्रदूषण के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों की मॉनिटरिंग को लेकर पर्यावरण मंत्री ने दिए आदेश

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प्रदूषण के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों की मॉनिटरिंग को लेकर पर्यावरण मंत्री ने दिए आदेश


नई दिल्ली, 3 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर गंभीर श्रेणी के वायु प्रदूषण की चपेट में है। बीते करीब एक पखवाड़े से दिल्ली और आसपास के इलाके की आबोहवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार होने पर ग्रेप 3 लागू कर दिया गया है। इसकी गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक अहम बैठक बुलाई।

संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद गोपाल राय ने प्रेस वार्ता कर कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए कुछ अहम निर्णय लिये गए हैं। उन्होंने कहा कि जहां धूल न उड़े, ऐसे आवश्यक निर्माण कार्यों को जारी रखने की इजाजत दी गई है। अगर संबंधित एजेंसी ऐसा नहीं करती है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।

गोपाल राय ने आगे कहा कि आज बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिन आवश्यक परियोजनाओं को पाबंदियों से छूट दी गई है, इन सभी एजेंसियों को धूल कण रोकने के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका कड़ाई से पालन करना होगा। उसका पालन नहीं किए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सदस्य इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।

ग्रेप 3 लागू होने के बाद जिन कार्यों को बंद किया जा रहा है, उनमें बोरिंग, ड्रिलिंग, निर्माण और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, निर्माण ढहाना आदि शामिल है। परियोजना स्थलों पर भीतर कहीं भी निर्माण संबंधी सामग्री की लोडिंग-अनलोडिंग पर रोक लगाई जा रही है। कच्चे माल के स्थानांतरण पर रोक लगाई गई है। टाइल्स, पत्थर आदि के काटने पर रोक लगाई जा रही है। वॉटरप्रूफ कार्यों पर रोक लगाई जा रही है। पेंटिंग, पॉलिशिंग और फर्निशिंग आदि पर भी रोक लगाई जा रही है। इसके साथ ही सड़क निर्माण, मरम्मत कार्य, जिसमें फुटपाथ व रास्ते आदि को पक्का करना आदि शामिल है।

इनडोर साज-सज्जा काम करने की छूट

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर गैर-धूल पैदा करने वाली गतिविधियां जैसा कि प्लंबरिंग और इलेक्ट्रिक आदि के काम को जारी रखने की अनुमति होगी। सभी खनन गतिविधियां बंद रहेंगी।

हालात सामान्य होने तक कुछ चार पहिया वाहनों पर पाबंदी

ग्रेप 3 लागू होने के बाद दिल्ली में बीएस3 पेट्रोल और बीएस4 डीजल के चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इसको मॉनिटर करने के लिए परिवहन विभाग की 84 टीमें और ट्रैफिक विभाग की 284 टीमों को रोड पर उतारा गया है। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उस पर 20 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। आसपास की हवा को शुद्ध करने के लिए दिल्ली के कनॉट प्लेस में दिल्ली सरकार द्वारा स्मॉग टावर लगाया गया था। वह दिसंबर से बंद है।

भाजपा द्वारा इसको लेकर सवाल उठाने पर आज दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार दिल्ली के अंदर दो स्मोग टावर स्थापित किए गए हैं। एक स्मॉग टावर आनंद विहार में है, जिसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दी थी। दूसरा कनॉट प्लेस में जिसकी जिम्मेदारी डीपीसीसी को दी गई थी। कनॉट प्लेस में यह स्मॉग टावर दिल्ली सरकार ने लगाया था। दोनों जगहों पर शुरू हुए स्मॉग टावर की दो साल तक मॉनिटरिंग होनी थी, उस रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला लिया जाना है कि ऐसे टावर दिल्ली में अन्य जगहों पर लगाया जाए या नहीं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के प्रमुख की जिम्मेदारी दिसंबर महीने में गृह विभाग के सचिव अश्विनी कुमार को दी गई। उन्होंने स्मॉग टावर की मॉनिटरिंग करने वाली आईआईटी बॉम्बे को काम बंद करने का आदेश जारी किया, जिसके बाद से यह बंद पड़ा हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/दधिबल

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