विकसित भारत बनाने में आर्थिक राष्ट्रवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा : उपराष्ट्रपति

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विकसित भारत बनाने में आर्थिक राष्ट्रवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा : उपराष्ट्रपति


विकसित भारत बनाने में आर्थिक राष्ट्रवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा : उपराष्ट्रपति


उपराष्ट्रपति जमशेदपुर के जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के प्लेटिनम जुबली समारोह में हुए शामिल

जमशेदपुर (झारखंड), 10 दिसंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को एक दिवसीय यात्रा पर झारखंड पहुंचे। उपराष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका झारखंड राज्य का पहला दौरा है। इस यात्रा के दौरान धनखड़ ने जमशेदपुर के जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के प्लेटिनम जुबली समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने छात्रों से आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद विकसित भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज तेज गत से विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है और यह अब बढ़त अजेय है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी बनने की राह पर हैं। हमने यूके को पीछे छोड़ा है और अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं।

विश्व बैंक के अध्यक्ष के बयान का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने डिजिटल क्षेत्र में पिछले एक दशक में जो करिश्मा किया है वह 47 सालों में भी संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। हमारे यहां जितना डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है वह अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी के ट्रांजेक्शन से चार गुना से भी अधिक है। धनखड़ ने कहा कि हमारी प्रतिभा का तो कोई मुकाबला ही नहीं है। हम टेक्नोलॉजी को सहज ही ग्रहण करते हैं। भारत का प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन अमेरिका और चीन के प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन से भी अधिक है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने ढाई साल में संसद के नए भवन का निर्माण किया है। वह देखने लायक है। उसके अंदर की तकनीकी नजारा देखकर हम स्तब्ध रह जाते हैं। इतने विशाल भवन का निर्माण इतने कम समय में किसी भी देश के द्वारा आज तक संभव नहीं हुआ। उन्होंने भारत की उपलब्धियां की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया के शीर्ष दस कन्वेंशन सेंटर में से दो कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम और यशोभूमि आज भारत में मौजूद हैं। उन्हें देखकर भारत की बदलती तस्वीर का अंदाजा लगाया जा सकता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा। आपके पास सीखने के लिए तकनीकी है। कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी हैं, जिन पर चर्चा करते हैं तो लगता है दुनिया कितनी जल्दी बदल रही है। क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग के बारे में पता लगाइए। हमारा देश इस क्षेत्र में काम कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी आगे जा चुके हैं। अंत में उन्होंने छात्रों से कहा कि हमें राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखना चाहिए। साथ ही हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए।

इस मौके पर झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, संस्थान के अध्यक्ष, टीवी नरेंद्रन, संस्थान के निदेशक, फादर एस. जॉर्ज, फॉदर डोनाल्ड डिसिल्वा, सुनील कुमार गुप्ता, आमंत्रित अतिथि, संस्थान के शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ वंदना/चंद्र प्रकाश

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