कला एवं कलाकारों ने भारत की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया: द्रौपदी मुर्मू

कला एवं कलाकारों ने भारत की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया: द्रौपदी मुर्मू
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कला एवं कलाकारों ने भारत की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया: द्रौपदी मुर्मू


नई दिल्ली, 06 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कला से जुड़ाव हमें सृजनशील बनाता है। कला, सत्य की खोज का मार्ग प्रदान करती है। कला के सानिध्य में हम अध्यात्म और अपने मूल से जुड़ते हैं। कला, जीवन को सार्थकता प्रदान करती है। कला एवं कलाकारों ने भारत की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। यह कार्य करके हमारे कलाकारों ने संविधान में निहित मूल कर्तव्यों का पालन भी किया है। द्रौपदी मुर्मू बुधवार को विज्ञान भवन में आयोजित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रही थीं।

इस अवसर पर द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संगीत नाटक अकादमी ने पिछले लगभग सात दशकों से विभिन्न कला-विधाओं के प्रोत्साहन एवं प्रचार-प्रसार के लिए योगदान दिया है। प्रदर्शन कला एवं अमूर्त परंपरा के क्षेत्र में इस संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्य महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही कला-विधाओं को भारतीय संस्कृति में उच्च स्थान दिया गया है। भरत मुनि के नाट्य-शास्त्र को वेदों के समकक्ष रखते हुए उसे पंचम वेद कहा गया है। उनके नाट्य-शास्त्र में कला-विधा की जो व्यापकता एवं समग्रता मिलती है, वह संसार के किसी अन्य ग्रंथ में दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि इतिहास में अनेक ऐसे उदाहरण हैं जब कलाकारों ने समाज कल्याण के लिए अपनी कला का प्रयोग किया। कलाकार अपनी कला के माध्यम से रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों को चुनौती देते रहे हैं। वे अपनी कला से समाज को जगाते रहे हैं। हमारी कला- संस्कृति भारत की सॉफ्ट पावर की सर्वोत्तम मिसाल है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वर्ष 2022 और 2023 के लिए संगीत नाटक अकादमी के छह फैलोशिप और 92 अकादमी पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने संगीत नाटक अकादमी द्वारा दिए जाने वाले अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होने वाले कला जगत की सभी विभूतियों को बधाई दी और कहा कि विश्व में भारत की कला एवं संस्कृति अद्भुत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत संस्कृति के क्षेत्र में भी विशिष्ट पहचान बना रहा है। जी 20 सम्मेलन में संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रस्तुति को खूब सराहा गया और दुनिया को अपनी समृद्ध वाद्य यंत्रों से रूबरू कराया। यह पुरस्कार इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अमृतकाल में दिया जा रहा है। हमें अपने संस्कृति पर गर्व करना है और तकनीक का उपयोग करके कला -संस्कृति को आगे बढ़ाना है। अगले 25 सालों में भारत के कला संस्कृति को समृद्ध बनाना है।

इस मौके पर संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि देश में कला के क्षेत्र में पुनरुद्धार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के विकास के साथ विरासत भी समृद्ध हो रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल

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