ग्लोबल साउथ के लिए भारत ने तीन प्रमुख स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की पहचान की: डॉ. मनसुख मांडविया
नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत ने तीन प्रमुख स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की पहचान की हैं। इनमें स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तैयारी, फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना और डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार तथा समाधान शामिल हैं। वह शुक्रवार को विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट 2023 पर स्वास्थ्य मंत्रियों के सत्र को आभासी रूप से संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर डा. मांडविया ने कहा कि ग्लोबल साउथ में देशों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने की प्रतिबद्धता, वैश्विक स्वास्थ्य चर्चाओं और समाधानों में समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने 21वीं सदी की मौजूदा वैश्विक चुनौतियों, विशेषकर ग्लोबल साउथ की जरूरतों और वैश्विक शासन संरचनाओं में सुधार लाने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा में बदलाव लाना और वन हेल्थ दृष्टिकोण को लागू करना, महामारी की तैयारियों को बढ़ाना और स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना आवश्यक है।
डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत का वन हेल्थ प्रोग्राम उभरती हुई संक्रामक बीमारियों, विशेष रूप से वन्यजीव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों की निगरानी और जांच करता है। इसका उद्देश्य संक्रामक बीमारियों की प्रारंभिक पहचान और प्रतिक्रिया के लिए विभिन्न समूहों के बीच समन्वय को बढ़ावा देना है।
इस ग्लोबल समिट में अभासी रूप से अर्जेंटीना, बेलीज, चाड, ग्रेनेडा, ग्वाटेमाला, गुयाना गणराज्य, हैती, मॉरिटानिया, मोरक्को साम्राज्य, निकारागुआ, सोमालिया, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, यमन गणराज्य, कोस्टा रिका, डोमिनिका का राष्ट्रमंडल, बेनिन और भूटान साम्राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और प्रतिनिधि शामिल हुए।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।