समग्र शिक्षा को पूर्ण करने वाली है एनईपी 2020: डॉ. के. कस्तूरीरंगन
नई दिल्ली, 01 दिसंबर (हि.स.)। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की राष्ट्रीय संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 समग्र शिक्षा को पूर्ण करने वाली है। इसके माध्यम से जीवन के हर पक्ष को समग्र तरीके से समृद्ध किया जा सकता है।
डॉ. के. कस्तूरीरंगन विश्वविद्यालय के खेल परिसर के बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित नवनियुक्त शिक्षकों के लिए फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के उद्घाटन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 का लक्ष्य कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में चार साल के स्नातक कार्यक्रम जैसे बदलाव लाना व स्कूलों और कॉलेजों में कौशल-आधारित शिक्षा पर अधिक ध्यान देना है।
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि एक साल में डीयू में शिक्षकों की नई नियुक्तियों का आंकड़ा 3500 से अधिक है। यह किसी विश्वविद्यालय में इतने समय में नियुक्तियों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हमारे पास कुल 5200 रिक्तियां थीं, जिनमें से अभी 1700 रिक्त हैं।
उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी पर शिक्षण सबसे बढ़िया व्यवसाय है। शिक्षक केवल देता है। वह संस्कार, संस्कृति, पढ़ाई, खुशी, सकारात्मकता और मौलिकता देता है। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से आह्वान किया कि वे रोने वाले और नारे लगाने वाले न बनें। शिक्षक नारे लगाते हुए अच्छे नहीं लगते। कुलपति ने कहा कि विरोध के और भी तरीके हो सकते हैं। एनईपी 2020 को लेकर चर्चा करते हुए कुलपति ने कहा कि यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही अर्थ में लागू करना है तो माइंडसेट बदलने होंगे।
इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बलराम पाणी, डायरेक्टर साउथ कैम्पस प्रो. प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, रजिस्ट्रार डॉक्टर विकास गुप्ता और डीन एजुकेशन प्रो. पंकज अरोड़ा सहित अनेक डीन, विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल व हजारों नवनियुक्त शिक्षक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल
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