वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक, पद्म भूषण डॉ. एकनाथ चिटनिस का निधन

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वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक, पद्म भूषण डॉ. एकनाथ चिटनिस का निधन


वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक, पद्म भूषण डॉ. एकनाथ चिटनिस का निधन


मुंबई, 22 अक्टूबर (हि.स.)। वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक और पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. एकनाथ चिटनिस (100) का बुधवार को सुबह दिल का दौरा पडऩे से पुणे में स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। डॉ. एकनाथ चिटनिस पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार में उनके बेटे डॉ. चेतन चिटनिस, बहू अमिका और पोती तारिणी और चंदिनी हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गठन में डॉ. चिटनिस का बहुत ही बहुमूल्य योगदान था। केरल के थुंबा में भारत के पहले रॉकेट प्रक्षेपण के लिए स्थल चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1981 से 1985 तक, उन्होंने अहमदाबाद स्थित इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के दूसरे निदेशक के रूप में कार्य किया। डॉ. चिटनिस को तत्कालीन उभरते वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का मार्गदर्शन करने का भी श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 1970 के दशक की शुरुआत से डॉ. विक्रम साराभाई के मार्गदर्शन में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश के पहले दूरसंचार उपग्रह 'इनसैट' के निर्माण व श्रीहरिकोटा में रॉकेट प्रक्षेपण केंद्रों के लिए स्थलों के चयन में निर्णायक भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र का विकास कार्य और अंतरिक्ष संबंधी प्रयोग सफलतापूर्वक संपन्न हुए। साथ ही, डॉ. चिटनिस ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और मीडिया के माध्यम से पूरे देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रसार में योगदान दिया। डॉ. चिटनिस को पद्म भूषण सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निधन से इसरो और पूरे देश में विज्ञान के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा शून्य पैदा हो गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

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