भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण के डिजिटलीकरण से देश की जीडीपी में सुधार होगा: गिरिराज सिंह

भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण के डिजिटलीकरण से देश की जीडीपी में सुधार होगा: गिरिराज सिंह
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भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण के डिजिटलीकरण से देश की जीडीपी में सुधार होगा: गिरिराज सिंह


नई दिल्ली, 08 फरवरी (हि.स.)। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को विज्ञान भवन में भूमि प्रबंधन आधुनिकीकरण में सर्वोत्तम प्रथाओं का साझाकरण विषय पर दो दिवसीय भूमि संवाद VIII: राज्य राजस्व व पंजीकरण सचिवों और पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीआर) का राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर गिरिराज सिंह ने अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए उम्मीद जताई कि भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण के डिजिटलीकरण से देश की जीडीपी में लगभग 1.5 प्रतिशत तक सुधार होगा।

मंत्री ने कहा कि भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण की डिजिटलीकरण प्रक्रिया के पूरे होने से भूमि विवादों से जुड़े अदालती मामलों की बड़ी संख्या को कम करने में मदद मिलेगी और व्यापार करने में आसानी से देश की रैंकिंग में सुधार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने भूमि प्रबंधन के आधुनिकीकरण में ब्लॉकचेन, सीओआरएस जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के महत्व पर जोर दिया जो गतिशक्ति के तहत सरकार के उद्देश्यों को प्राप्त करने में काफी मदद करेगी। इस मौके पर राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, सचिव निधि खरे और संयुक्त सचिव सोनमोनी बोरा मौजूद रहे।

इस मौके पर इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार पारदर्शी शासन के साथ योजनाओं का सभी लाभ आखिरी छोर तक के नागरिकों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण की डिजिटलीकरण प्रक्रिया से सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए सही मुआवजा प्रदान करने के लिए सही लाभार्थियों की पहचान करने में भी मदद मिलेगी।

इस मौके पर उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साधवी निरंजन ज्योति ने आम किसानों की जमीन से संबंधित समस्याओं को समझने और उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर नियमित रूप से इसी तरह के संवाद करने के लिए राज्यों से सहयोग और समर्थन का आग्रह किया।

वहीं पंचायती राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ समाधान तक पहुंचने के लिए बातचीत के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में भूमि प्रबंधन का आधुनिकीकरण इस विभाग का एक बड़ा योगदान होगा।

भूमि संसाधन विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा कि भूमि प्रशासन से संबंधित दूसरी पीढ़ी के सुधारों में प्रयासों और पहलों को एकीकृत करने के लिए अच्छी प्रथाओं को साझा करने पर इस तरह के राष्ट्रीय सम्मेलन की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में विचार-विमर्श विभिन्न प्रासंगिक नवाचारों और अच्छी प्रथाओं के प्रभाव और मापनीयता का आकलन करने में काफी मदद करेगा ताकि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन योग्य बनाया जा सके।

सचिव ने यह भी बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में भूमि प्रबंधन के आधुनिकीकरण में अच्छी प्रथाओं से संबंधित कई विषयों को शामिल किया जाएगा, जिसमें भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण और प्रक्रियाओं में कमी, समय, लागत, कार्यालयों के दौरे, राजस्व अदालत के मुकदमे और जीवन में आसानी पर इसका प्रभाव शामिल होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/बिरंचि/आकाश

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