धर्मेंद्र प्रधान ने दो दिवसीय उल्लास मेले का उद्घाटन किया
नई दिल्ली, 06 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राष्ट्रीय बाल भवन, नई दिल्ली में दो दिवसीय उल्लास मेले का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि शत प्रतिशत साक्षरता विकसित भारत का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने कहा कि उल्लास उन लोगों के जीवन में नए रंग फैला रहा है, जो शिक्षा का लाभ उठा सकते हैं और उन्हें मौलिक साक्षरता और संख्यात्मकता के साथ-साथ सामान्य जरूरतों से संबंधित विषयों में कुशल बना रहे हैं।
मंत्री ने सभी से कार्यक्रम में भाग लेकर इसे जन आंदोलन बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छात्रों को भी इस अभियान में भाग लेना चाहिए और नए क्रेडिट आर्किटेक्चर के तहत छात्र दूसरों को साक्षर बनने में मदद करके क्रेडिट अंक अर्जित करेंगे।
प्रधान ने जोर देकर कहा कि अगर जन आंदोलन को सफल बनाना है तो सीखने-सिखाने के तरीके को सरल और आनंददायक बनाना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षार्थियों की पसंद और आवश्यकता के आधार पर शिक्षण पद्धति को डिजाइन करने के लिए ईमानदार प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य खेल, लोक भाषा और दैनिक कार्य से जुड़ी चीजों पर आधारित ज्ञान वितरण प्रणाली के जरिये ही हासिल किया जा सकता है।
प्रधान ने उन राज्यों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने एक ऐसा मॉडल अपनाया है, जो सीखने को सरल और मनोरंजक बनाने के लिए खेल-आधारित है। उन्होंने कहा कि ये मॉडलों को शिक्षार्थियों के बीच अधिक स्वीकार्य बनाते हैं। उन्होंने संसाधन सामग्री जैसे हैंडबुक, डिजिटल कैप्सूल आदि विकसित करने और इसे कौशल से जोड़ने के लिए विशेषज्ञों की 7 दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने का भी सुझाव दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल
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