धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 32वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
-भोजशाला और दरगाह के शिलालेखों की हुई कार्बन डेटिंग
-सर्वे का समय बढ़ाने को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में एएसआई ने दिया आवेदन
भोपाल, 22 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे सोमवार को 32वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 23 अधिकारियों की टीम 32 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम साढ़े चार बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब साढ़े आठ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर चल रहे सर्वे 32वें दिन एएसआई की टीम ने भोजशाला परिसर के अंदर स्तंभों पर लिखे श्लोकों व शिलालेख की लिखावट को पेपर रोल पर प्रिंट (कार्बन डेटिंग) किया। वहीं, कमाल मौलाना मस्जिद परिसर में भी केमिकल ट्रीटमेंट का काम हुआ। रविवार को उत्तरी भाग में जहां नए स्थान का चयन किया गया था, वहां सोमवार को खुदाई को आगे बढ़ाया गया। यहां छह फीट खुदाई हो चुकी है।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि सोमवार को टीम के सदस्यों ने अलग-अलग काम किया। गर्भगृह में भी तेजी से काम हुआ है। शिलालेखों को केमिकल से साफ किया गया। फर्श और शिलालेखों पर ऊपर श्लोक लिखे हुए हैं, पेपर से उसके प्रिंट लिए गए। वह कब का लिखा है, कैसे लिखा है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी का भी काम जारी है। गर्भगृह के पास में मिट्टी हटाने का कार्य किया जा रहा है।
वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि अरबी, फारसी व संस्कृत भाषा को टीम ने पेपर स्टांप पर उकेरा है। मस्जिद परिसर में तदबा यानी शिलालेख निकला है, जिसकी क्लीनिंग करने पर यह साढ़े पांच फीट का दिखाई दे रहा है। इसमें अभी और भी क्लीनिंग व सफाई होगी। समद ने बताया कि कुछ समय पूर्व तल घर की बात सामने आई थी, इसमें हमारी आपत्ति थी। इस मामले में हमें बड़ी राहत मिली है। तल घर के नाम पर जो सीढ़ियां बताई जा रही थीं, उस सीढ़ी को एएसआई की टीम द्वारा तोड़ दिया गया है।
उधर, एएसआई की टीम ने सोमवार को वैज्ञानिक सर्वे का समय बढ़ाने को लेकर उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में आवेदन दिया है। इसमें सर्वे की समय सीमा आठ सप्ताह और बढ़ाने की मांग की गई है। दरअसल, न्यायालय के आदेश के अनुसार छह सप्ताह में भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे का काम करना है। आदेश के बाद 22 मार्च से सर्वे का कार्य शुरू हुआ। इसमें 32 दिन बीत चुके हैं और अब केवल 10 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन सर्वे का काम अभी आधा भी नहीं हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश
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