अनुसंधान और नवाचार से ही बनेगा विकसित भारत: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

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अनुसंधान और नवाचार से ही बनेगा विकसित भारत: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन


थिरुवनंतपुरम, 04 नवंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और नवाचार को जनकल्याण से जोड़ना होगा। उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से अपील की कि वे अपने शोध का लाभ समाज के वंचित तबकों तक पहुंचाएं, ताकि वास्तविक विकास हो सके।

उपराष्ट्रपति मंगलवार को तिरुवनंतपुरम स्थित चित्रा तिरुनाल चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान एस सी टी आई एम एस टी के दौरे रहे। उन्होंने अच्युत मेनन केंद्र स्वास्थ्य विज्ञान अध्ययन ए एम सी एच एस एस में संस्थान के संकाय सदस्यों और स्टार्टअप कंपनियों द्वारा विकसित चिकित्सा उपकरणों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। राधाकृष्णन ने कहा कि एस सी टी आई एम एस टी देश में चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एकीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण है।

उन्होंने हृदय वाल्व, रक्त बैग और तपेदिक की त्वरित जांच जैसे संस्थान के स्वदेशी आविष्कारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन नवाचारों ने भारत को वैश्विक पहचान दिलाई है। उन्होंने संस्थान के पेटेंट आवेदन, डिजाइन पंजीकरण और तकनीक के सफल हस्तांतरण के रिकॉर्ड की सराहना करते हुए कहा कि शोध और नवाचार ही आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आधारशिला हैं। कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, केंद्रीय राज्यमंत्री सुरेश गोपी, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल, एस सी टी आई एम एस टी के निदेशक डॉक्टर संजय बिहारी और अन्य लोग मौजूद रहे। ---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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