दिल्ली ‘नेवा’ प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाला 28वां राज्य बना , पेपरलेस होगी विधानसभा

- यह प्रणाली दिल्लीविधानसभा में कार्यप्रवाह को सरल बनाने और विधायकों को डिजिटल संसाधनों से सशक्त करने में होगी सक्षम
नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा ने डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के साथ नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) के क्रियान्वयन के लिए शनिवार को त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता उपस्थित रहे। इस समझौते के साथ दिल्ली नेवा परियोजना को लागू करने के लिए मंत्रालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 28वां राज्य बन गया है, जो विधायी कार्यप्रणाली में एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है।
इस समझौते पर संसदीय कार्य मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. सत्य प्रकाश, मिशन लीडर (नेवा) दिल्ली विधानसभा के सचिव रंजीत सिंह और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार प्रधान सचिव (कानून) रितेश सिंह ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव उमंग नरूला भी उपस्थित रहे। यह समझौता दिल्ली विधानसभा की पेपरलेस और अधिक पारदर्शी विधायी प्रणाली की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो “एक राष्ट्र, एक एप्लिकेशन” की प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप है।
नेवा प्लेटफॉर्म संसदीय कार्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, जो विधायी कार्यों को डिजिटलीकरण, वास्तविक समय में दस्तावेजों की उपलब्धता और सदस्यों व सचिवालय के बीच सुगम समन्वय स्थापित करके अधिक कुशल, सुलभ और सतत बनाने का लक्ष्य रखता है। इस प्रणाली को अपनाने से दिल्ली विधानसभा कागज की खपत में भारी कमी, कार्यप्रवाह को सरल बनाने और विधायक सदस्यों को डिजिटल संसाधनों से सशक्त करने में सक्षम होगी।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव उमंग नरूला ने दिल्ली विधानसभा की इस पहल की सराहना की और नेवा के सुचारू कार्यान्वयन, प्रशिक्षण और सभी संबंधित पक्षों की सफल ऑनबोर्डिंग में मंत्रालय के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि यह ऐतिहासिक कदम देशभर में विधायी संस्थानों के डिजिटल रूपांतरण की गति को और सशक्त करेगा। दिल्ली सरकार के सौ दिन के एजेंडे में यह पहल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो तकनीक-संचालित, पारदर्शी और प्रभावी शासन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नई विधानसभा के गठन के साथ नेवा का समावेश विधायी प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण को और तेज करेगा, जिससे दिल्ली विधानसभा डिजिटल गवर्नेंस का एक आदर्श मॉडल बन सकेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dhirender Yadav