जज्बे की जीत, अंधेरी सुरंग, चट्टानों से जूझे 82 हाथ

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जज्बे की जीत, अंधेरी सुरंग, चट्टानों से जूझे 82 हाथ


जज्बे की जीत, अंधेरी सुरंग, चट्टानों से जूझे 82 हाथ


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सिलक्यारा (उत्तरकाशी), 28 नवंबर (हि.स.)। यह सिर्फ इनसानी जज्बे भर की नहीं, केंद्र और उत्तराखंड सरकार की जीवन बचाने की अटूट प्रतिबद्धता की जीत है। निर्माणाधीन सुरंग में हुए भू-स्खलन के बाद 17 दिन तक फंसे रहे 41 श्रमवीरों को मंगलवार को सुरक्षित निकालने की कोशिश का रंग लाना सरकार के मानवीय प्रयासों का स्तुतीय उदाहरण है।

हिमालयी राज्य उत्तराखंड के इस बचाव अभियान में सारे विश्व की नजर लगी रही। इस अभियान के दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ सुरंग के बाहर मौजूद रहे। सरकार ने इन श्रमिकों का मनोबल एक पल भी डगमगाने नहीं दिया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के जवानों ने सुरंग में प्रवेश कर प्रभावित परिवारों का ही नहीं सारे देश का दिल जीत लिया। यहां इंटरनेशनल टनलिंग ऐंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त करते रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर प्रगति रिपोर्ट लेते रहे और पूरे ऑपरेशन पर पैनी नजर रख रहे थे। सुरंग में कंक्रीट ब्लॉक ले जाया गया। मजदूरों को फौरन अस्पताल ले जाने के लिए बाहर सड़क को समतल किया गया। धामी ने इस अभियान की सफलता के लिए हिंदू देवता बाबा बौख नाग जी के आशीर्वाद के साथ दुआ कर रहे लाखों भारतीयों का आभार जताया।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद/दधिबल/जितेन्द्र/प्रभात

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