Cyber Insurance Policy: साइबर फ्रॉड का डर सता रहा है? तुरंत लें ये सुरक्षा बीमा; नहीं डूबेगा एक भी पैसा
आज के समय में आधे से ज्यादा लोग कैश का इस्तेमाल नहीं करते हैं। ऑनलाइन पेमेंट, डिजिटल बैंकिंग की सुविधा जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, ठीक वैसे ही साइबर फ्रॉड भी तेजी से हो रहे हैं। ऐसे में कई बार लोगों के अकाउंट से हजारों-लाखों रुपयों की धोखाधड़ी हो जाती है, सोशल मीडिया पर बने अकाउंट हैक हो जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा डर यही रहता है कि पैसे दोबारा नहीं मिले तो क्या होगा?
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए साइबर बीमा (Cyber Insurance) की जरूरत महसूस हुई। ये बीमा एक तरह से डिजिटल दुनिया में सुरक्षा कवच का काम करता है। ऐसे में अगर आपके साथ साइबर ठग धोखाधड़ी करते हैं, तो ये बीमा आपके नुकसान की भरपाई करेगा। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि साइबर बीमा क्या होता है और आप इसे कैसे ले सकती हैं? आइए जानते हैं-
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साइबर बीमा (Cyber Insurance) क्या है?
साइबर इंश्योरेंस एक ऐसा बीमा है जो ऑनलाइन फ्रॉड, डेटा लीक या साइबर हमले के कारण हुए फाइनेंशियल नुकसान की भरपाई करता है। पहले साइबर बीमा ज्यादातर कंपनियां लेती थीं, लेकिन अब आम लोग भी इसे ले सकते हैं क्योंकि साइबर क्राइम सिर्फ बिजनेस तक सीमित नहीं रहा है। किसी का UPI हैक होता है, किसी की नेट बैंकिंग से पैसे कट जाते हैं, किसी का इंस्टाग्राम हैक कर ब्लैकमेल किया जाता है। ऐसे में ये बीमा आपकी मदद करता है।
क्यों जरूरी है साइबर बीमा?
साइबर बीमा इसलिए जरूरी है, क्योंकि ज्यादातर नुकसान पैसे से ही जुड़े होते हैं। किसी का पैसा कट जाता है तो वो मिलना मुश्किल हो जाता है। पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करने पर भी पैसे जल्दी वापस नहीं मिलते हैं। कानूनी प्रक्रिया भी काफी लंबी होती है। ऐसे में साइबर बीमा ही हमें फाइनेंशियल सेफ्टी देता है। अगर आपका अकाउंट हैक हो जाए या डिजिटल फ्रॉड हो जाए तो ये बीमा नुकसान की भरपाई कर सकता है।
साइबर बीमा क्या-क्या कवर करता है?
ज्यादातर साइबर बीमा में ये नुकसान कवर किए जाते हैं-
अगर आपका जरूरी डेटा लीक या डिलीट हो जाए।
हैकिंग की वजह से बिजनेस बंद पड़ जाए तो उसका आर्थिक नुकसान।
साइबर अटैक से कस्टमर डेटा लीक होने पर होने वाला खर्च।
केस लड़ने या वकील करने का खर्च भी शामिल किया जाता है।
साइबर हमले की रिकवरी में जो एक्सट्रा खर्च आता है।
हर पॉलिसी की शर्तें अलग हो सकती हैं, इसलिए खरीदते समय पैकेज और कवर ध्यान से पढ़ना जरूरी होता है।
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साइबर बीमा कैसे काम करता है?
सबसे पहले आप बीमा कंपनी के अनुसार, मासिक या वार्षिक प्रीमियम भरती हैं। अगर कभी साइबर अटैक या फ्रॉड हो गया तो आप तुरंत बीमा कंपनी को जानकारी देती हैं। कंपनी आपके नुकसान की जांच करती है। अगर मामला पॉलिसी के दायरे में आता है तो कंपनी आपको क्लेम देकर नुकसान की भरपाई करती है। इसका मतलब साफ है कि ये बीमा बिल्कुल हेल्थ या कार इंश्योरेंस की तरह ही काम करता है, बस फर्क इतना है कि यहां सुरक्षा आपकी डिजिटल लाइफ की होती है।
अगर आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करती हैं, डिजिटल वॉलेट, नेट बैंकिंग, UPI, सोशल मीडिया या ईमेल का इस्तेमाल करते हैं, तो साइबर बीमा लेना आज की जरूरत बन गई है।

