कस्टम और डीएमएफ घोटाले में दो नई प्राथमिकी दर्ज
- आईएएस रानू साहू समेत कई लोकसेवकों और कारोबारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
रायपुर, 29 जनवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के समय हुए घोटालों की जांच में तेजी आई है। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने कस्टम और डीएमएफ (खनिज न्यास निधि) घोटाले में दो नई प्राथमिकी दर्ज की है। ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर डीएमएफ घोटाले में आईएएस रानू साहू समेत 10 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। वहीं, चावल घोटाले मामले में मनोज सोनी (मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक), कुमारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा, कैलाश रूंगटा, पारसमल चोपड़ा और रोशन चंद्राकर के खिलाफ भी एफआई दर्ज की गई है।
ईडी के जांच के प्रतिवेदन के आधार पर दोनों ही मामलों में प्रदेश सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने एवं भ्रस्टाचार के मिले तथ्यों के आधार पर डीएमएफ मामले में 420 एवं कस्टम मीलिंग मामले में धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों से सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार डीएमएफ घोटाले की एफआईआर में खनिज अधिकारियों, ठेकेदारों और कई कंपनियों के मालिकों के नाम भी शामिल किए गए हैं। डीएमएफ घोटाला मामले में आईएएस रानू साहू समेत नामजद आरोपितों में कारोबारी संजय शेंडे, अशोक अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, रिषभ सोनी समेत बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले मनोज द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर के नाम शामिल हैं।
प्रतिवदेन के अनुसार पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान कोरबा जिले में डीएमएफ के पैसों का बड़े पैमाने पर बंदरबांट किया गया है। इस अनियमितता में तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू समेत अनेक विभागीय अफसरों ने निविदा भरने वाले के साथ सांठ-गांठ की। डीएमएफ के पैसों से कराए जाने वाले कामों की निविदाओं के आबंटन में बिल पास कराने के लिए, सामानों के वास्तविक मूल्य से कई गुना ज्यादा दाम के बिल पास किए गए।
शिकायत के मुताबिक कई टेंडर्स में सीधे-सीधे 40 प्रतिशत रकम लोकसेवक अधिकारियों को इस एवज में दिया गया और निजी कम्पनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है।जिन ठेकेदारों को इन अफसरों ने लाभ पहुंचाया ,उनमें संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल, शेखर पर भी अपराध दर्ज किया गया है।
कस्टम मिलिंग का खेलः प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट में यह पाया गया कि छत्तीगसढ़ में विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई। मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी और तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा, कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रूंगटा, वाईस प्रेसीडेंट पारसमल चोपड़ा और कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई।
आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी से लगभग 1.06 करोड़ रुपये की नगद राशि मिली है जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाइस प्राप्त हुए हैं। लगभग 140 करोड़ रुपये की अवैध वसूली, राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव शर्मा/प्रभात
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