आईएनएस 'इंफाल' को मिलेगा क्रेस्ट, रक्षा मंत्री 28 नवंबर को करेंगे अनावरण
- अगले माह दिसंबर में नौसेना के बेड़े में शामिल किया जायेगा यह युद्धपोत
- इसी युद्धपोत से 22 नवंबर को की गई थी ब्रह्मोस मिसाइल से पहली फायरिंग
नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स.)। भारतीय नौसेना के लिए प्रोजेक्ट 15 बी के तहत तैयार किये गए गाइडेड मिसाइल स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स आईएनएस इंफाल के क्रेस्ट का अनावरण 28 नवंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली में करेंगे। इसी युद्धपोत से 22 नवंबर को ब्रह्मोस मिसाइल से पहली फायरिंग की गई थी। यह पहला मौका है जब नौसेना ने किसी जहाज के चालू होने से पहले उससे विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया है। यह युद्धपोत अगले माह दिसंबर में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया जायेगा।
भारतीय नौसेना के नवीनतम निर्देशित मिसाइल स्टील्थ विध्वंसक इंफाल की लॉन्चिंग 20 अप्रैल, 2019 को हुई थी। इसी समारोह के दौरान जहाज का नाम इंफाल रखा गया था। प्रोजेक्ट 15 बी के तहत मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में निर्माणाधीन चार गाइडेड मिसाइल स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स में से यह तीसरा युद्धपोत है। इसे एमडीएल ने पिछले माह 20 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया था। नौसेना के बेड़े में शामिल होने से पहले परीक्षण के रूप में इस युद्धपोत से 22 नवंबर को विस्तारित रेंज की ब्रह्मोस मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया गया। परीक्षण के दौरान भारत की बढ़ती जहाज निर्माण क्षमता, स्वदेशी हथियारों और प्लेटफार्मों की विश्वसनीयता परखने पर फोकस किया गया।
इस असाधारण उपलब्धि के पश्चात इस युद्धपोत का क्रेस्ट अनावरण भी शानदार तरीके से नई दिल्ली में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मणिपुर के मुख्यमंत्री, रक्षा मंत्रालय और मणिपुर राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। समुद्री परंपराओं और नौसैनिक रिवाजों के अनुसार भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और पनडुब्बियों के नाम प्रमुख शहरों, पर्वत श्रृंखलाओं, नदियों, बंदरगाहों और द्वीपों के नाम पर रखे गए हैं। भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के किसी शहर के नाम पर रखा जाने वाला पहला उन्नत युद्धपोत भी है, जिसके लिए राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल, 2019 को मंजूरी दी थी।
भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) ने इसकी डिजाइन तैयार की है और एमडीएल ने निर्मित किया है। जहाज में लगभग 75 प्रतिशत की उच्च स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जिसमें एमआर एसएएम, ब्रह्मोस एसएसएम, स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी. एसआरजीएम शामिल हैं। इंफाल पहला ऐसा स्वदेशी विध्वंसक है, जिसके निर्माण और समुद्री परीक्षणों को पूरा करने में सबसे कम समय दर्ज किया गया। यह युद्धपोत अगले माह दिसंबर में भारतीय नौसेना में अधिकृत रूप से शामिल होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/संजीव
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