असम की बरपेटा लोकसभा सीट माकपा छोड़ने को तैयार नहीं, इंडी गठबंधन में फंसा पेंच
- मनोरंजन तालुकदार का दावा, राहुल गांधी को भी फैसले की जानकारी दी गई
बरपेटा (असम), 28 जनवरी (हि.स.)। असम की बरपेटा लोकसभा सीट को लेकर हालांकि अभी तक इंडी गठबंधन में कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन माकपा यह सीट किसी भी कीमत पर कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार नहीं है। सरभोग से माकपा विधायक मनोरंजन तालुकदार ने रुख साफ़ किया है कि उनकी पार्टी असम में एक के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारने की नीति पर अडिग है।
माकपा विधायक तालुकदार ने कांग्रेस की संभावित उम्मीदवारों की सूची पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि माकपा बरपेटा लोकसभा सीट पर दावा कर रही है, लेकिन कांग्रेस प्रद्युत बोरदोलोई को इस सीट पर उतारने की इच्छुक है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि माकपा असम में एक के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारने की नीति पर अडिग है। माकपा इंडी फ्रंट की शर्तों के अनुसार बरपेटा में चुनाव लड़ेगी और इस मुद्दे पर कांग्रेस से बातचीत भी हुई है।
विधायक तालुकदार ने यह भी खुलासा किया है कि 15 पार्टियों के इंडी गठबंधन ने राज्य में सीट बंटवारे के मुद्दे पर न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ बातचीत की थी। उम्मीदवारों की सूची पर न तो कांग्रेस ने और न ही गठबंधन ने फैसला किया है, यह मीडिया की रचना है। जब उनसे पूछा गया कि अगर बरपेटा सीट माकपा को नहीं दी गई तो पार्टी की स्थिति क्या होगी, विधायक तालुकदार ने कहा, “अंतिम क्षण तक बरपेटा निर्वाचन क्षेत्र की मांग से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी बरपेटा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ने पर अडिग है।”
उन्होंने कहा कि असम में इंडी गठबंधन सही दिशा में है, साथ ही इंडी गठबंधन के कई दलों ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। इसलिए सीटों के बंटवारे को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी। इस बीच कांग्रेस और अन्य दलों के कई नेताओं के भाजपा में जाने को लेकर तालुकदार ने कहा कि चुनाव से पहले एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ये अवसरवादी नेता हैं, जो राजनीतिक फायदा उठाने के लिए ऐसा करते हैं। विचारधारा का यहां कोई स्थान नहीं है।
उधर, कमल मेधी के भाजपा में जाने की चर्चा के बीच मनोरंजन तालुकदार ने कहा कि यह उनका निजी विचार हो सकता है। विधायक तालुकदार ने आसू नेता पर भाजपा में जाने को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि आसू के नेता राजनीतिक अलग-अलग पार्टियों में जाते रहते हैं। उन्होंने 2024 के चुनाव में 400 सीटें मिलने के भाजपा के दावे पर कहा कि इसकी जानकारी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भवेश कलिता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को होगी। उन्होंने 400 सीटें मिलने के दावे को ख़ारिज करते हुए आंकड़ा बताया कि भाजपा कितनी सीटें हारेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए 2019 में मिली जीत को दोहराना संभव नहीं होगा। 400 सीटें मिलने का दावा करना भाजपा की कोरी कल्पना है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या 272 भी भाजपा को नहीं मिलेगी।
राम मंदिर पर मनोरंजन तालुकदार ने कहा कि भाजपा राम मंदिर निर्माण का सारा श्रेय लेने के लिए अभियान चला रही है। राम मंदिर से हिंदू लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि वे भाजपा को ही वोट देंगे। यह भाजपा का चुनाव अभियान है। यहां तक कि भाजपा भी प्रचार के मामले में काफी आगे है, जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए। प्रचार करने का प्रबंधन भाजपा के पास है, लेकिन वास्तव में उसे 400 सीटें मिलने की संभावना कम है।
हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/सुनीत
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