देश समान नागरिक संहिता की आवश्यकता समझे, इससे अंधविश्वास व बुरी प्रथा पर लगेगी रोकः हाईकोर्ट

WhatsApp Channel Join Now
देश समान नागरिक संहिता की आवश्यकता समझे, इससे अंधविश्वास व बुरी प्रथा पर लगेगी रोकः हाईकोर्ट


देश समान नागरिक संहिता की आवश्यकता समझे, इससे अंधविश्वास व बुरी प्रथा पर लगेगी रोकः हाईकोर्ट


-तीन तलाक के मामले की सुनवाई करते हुए मप्र हाई कोर्ट ने की टिप्पणी

इंदौर, 22 जुलाई (हि.स.)। तीन तलाक असंवैधानिक और समाज के लिए बुरा है। कानून निर्माताओं को यह समझने में कई साल लग गए। समय आ गया है कि अब देश समान नागरिक संहिता की आवश्यकता को समझे। समाज में आज भी आस्था और विश्वास के नाम पर कई कट्टरपंथी, अंधविश्वासी और अति-रूढ़िवादी प्रथाएं प्रचलित हैं। भारत के संविधान में पहले से ही अनुच्छेद 44 शामिल है, जो समान नागरिक संहिता की वकालत करता है, लेकिन अब इसे सिर्फ कागज पर नहीं, बल्कि वास्तविकता बनाया जाए। एक अच्छी तरह से तैयार समान नागरिक संहिता ऐसे अंध विश्वासों और बुरी प्रथाओं पर रोक लगाने का काम करेगी। इससे राष्ट्र की अखंडता को मजबूती भी मिलेगी।

यह टिप्पणी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने सोमवार को तीन तलाक से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान की। दरअसल, न्यायमूर्ति अनिल वर्मा सोमवार को बड़वानी जिले के राजपुर कस्बे की मुस्लिम महिला के तीन तलाक के मामले की सुनवाई कर रहे थे। महिला के पति ने उसे तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे दिया था। महिला ने मुंबई निवासी पति, सास और ननद के खिलाफ तीन तलाक और दहेज प्रताड़ना की धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया था। जिसे निरस्त करने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। कहा गया था कि तीन तलाक की धारा सिर्फ पति के खिलाफ लगाई जा सकती है सास और ननद के खिलाफ नहीं। वे इसके लिए उत्तरदायी नहीं हैं।

न्यायमूर्ति वर्मा ने 10 पेज के फैसले में तीन तलाक को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि इसमें शादी को कुछ ही सेकंड में तोड़ा जा सकता है और वह समय वापस नहीं लाया जा सकता। दुर्भाग्य से यह अधिकार केवल पति के पास है। अगर पति अपनी गलती सुधारना भी चाहे, तो निकाह-हलाला के अत्याचारों को महिला को ही झेलना पड़ता है।

शासन की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट अमेय बजाज ने बताया कि कोर्ट ने तर्कों पर विचार करने के बाद सास और ननद के खिलाफ तीन तलाक की धारा में दर्ज अपराध को निरस्त कर दिया है। उनके खिलाफ सिर्फ दहेज प्रताड़ना की धारा में केस चलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / आकाश कुमार राय

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story