रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस का दावा, औसत परिवार पैसा बचाने की बजाय कर्ज में डूबता जा रहा है

रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस का दावा, औसत परिवार पैसा बचाने की बजाय कर्ज में डूबता जा रहा है
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रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस का दावा, औसत परिवार पैसा बचाने की बजाय कर्ज में डूबता जा रहा है


नई दिल्ली, 9 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी ने एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि देश में एक औसत परिवार पैसा बचाने की बजाय कर्ज में डूबता जा रहा है। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार की गलत प्राथमिकताओं और अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन की सच्चाई अब सबके सामने आ रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक रिपोर्ट के हवाले से एक वक्तव्य जारी कर देश के आर्थिक हालात पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि वित्त मंत्रालय इस सच्चाई को घुमाकर पेश कर रहा है। असल में देश में परिवारों की आय में वृद्धि नहीं हो रही। इससे न केवल उनकी बचत घट रही है बल्कि उन्हें जीवनयापन के लिए कर्ज उठाना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2023 तक भारत का घरेलू ऋण स्तर सकल घरेलू उत्पाद के 40 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। वहीं वित्तीय बचत अपने निम्नतम स्तर यानी सकल घरेलू उत्पाद के 5 प्रतिशत पर आ गई है। वित्त मंत्रालय इसे नकारात्मक संकेत नहीं मानता है। मंत्रालय का कहना है कि लोग कर्ज परिवार, घर और वाहन जैसी वास्तविक संपत्ति खरीदने के लिए ले रहे हैं और यह संकट का संकेत नहीं है।

इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए जयराम रमेश का कहना है कि महंगाई और मजदूरी में वृद्धि न होने से परिवारों के पास बचत के लिए पर्याप्त धन नहीं है। वहीं बचत दर कई दशकों में सबसे निचले स्तर पर है। कम बचत का अर्थ है व्यवसाय और सरकारी निवेश के लिए कम पूंजी उपलब्ध होना। साथ ही इसका मतलब यह है कि भारत को वित्तपोषण के लिए अस्थिर विदेशी पूंजी पर निर्भर रहना होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/जितेन्द्र

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