दक्ष कंपनी सेक्रेटरी तैयार करने के लिए आईसीएसई ने कोलकाता में किया शानदार सम्मेलन
देशभर से जुटे कंपनी लॉ विशेषज्ञों ने सूक्ष्म पहलुओं पर की विस्तार से चर्चा
कोलकाता, 2 दिसंबर (हि.स.) । इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) की ओर से कोलकाता में प्रैक्टिसिंग कंपनी सेक्रेटरीज को लेकर शनिवार को 17वां क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय अच्छे कॉर्पोरेट प्रशासन को बढ़ावा देने में वैश्विक लीडर बनना है। इस सम्मेलन का मिशन अच्छे कॉर्पोरेट प्रशासन की सुविधा प्रदान करने वाले उच्च क्षमता वाले पेशेवरों को तैयार करना है। इसमें कई वरिष्ठ कर विशेषज्ञों ने शामिल होकर कंपनी लॉज से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
पहले तकनीकी सत्र का विषय भविष्य का निर्माण- एसएमई आईपीओ भारत को कैसे आकार दे रहे हैं, पर चर्चा हुई। इसके पैनलिस्ट में सीएस (डॉ.) ममता बिनानी, (पूर्व अध्यक्ष, आईसीएसआई और पश्चिम बंगाल एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम की अध्यक्ष), सीए अमन सिंह भदोरिया (मैनेजर, जीवाईआर कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड), सीएस भरत साहू (उप कंपनी सचिव, नाल्को) और सीएस बी नरसिम्हन (आईसीएसआई उपाध्यक्ष) ने भाग लिया।
इस अवसर पर सीएस (डॉ.) ममता बिनानी (पूर्व अध्यक्ष आईसीएसआई और पश्चिम बंगाल एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम की अध्यक्ष ने कहा, “दुनिया युद्ध, गंभीर बीमारी और कुछ सत्ता-विरोधी मुद्दों से गुजर रही है, इस बीच भारतीय अर्थव्यवस्था पूरे विश्व के लिए आकर्षण का विषय है। यह उद्योगपतियों, व्यापारियों और विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए चर्चा का विषय रहा है। एमएसएमई क्षेत्र जो देश की जीडीपी में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है। प्रत्येक राज्य का जीडीपी इसका एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। सुशासन और उचित व्यवसाय प्रबंधन सफलता की कुंजी है।
सीएस अमन सिंह भदोरिया ने कंपनी लॉ के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से प्रेजेंटेशन दिया।
परिचर्चा के दूसरे सत्र में मुंबई से कोलकाता पहुंचे सीएस मकरंद जोशी ने भी कंपनी एक्ट के सूक्ष्म पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए। उनके साथ मंच पर ईआईआरसी के सचिव सीएस अनुज सारस्वत भी मौजूद थे। कार्यक्रम का उद्घाटन विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने किया। उनके साथ विशेष अतिथि के तौर पर बी नरसिम्हन भी मौजूद थे।
विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि कंपनी लॉ में बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है। इसके लिए जो नए कंपनी सेक्रेटरी होने वाले हैं उन्हें तार्किक तरीके से सरकार के पास अपनी बात रखनी होगी। बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार कंपनी लॉ में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इसमें बदलाव का अधिकार केवल केंद्र को है और उनके पास कंपनियों की जरूरत के मुताबिक पक्ष रखने की जरूरत है। कार्यक्रम में राज्य के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रथिन घोष के शामिल होने की बात थी लेकिन वह नहीं पहुंचे।
सीएस कौशिक मुखर्जी, संदीप लखोटिया और हंसराज जारिया ने कंपनी लॉ के तकनीकी पहलुओं पर पैनल डिस्कशन में सवालों का जवाब दिया। सीएस विमल प्रसाद पटनायक, जर्मनी के बायोमेडिकल एंड बायोटेक्नोलॉजी सेंटर के डिप्टी हेड शिवाशीष गिरी और ईआईआरसी के पूर्व अध्यक्ष प्रियदर्शी नायक ने कार्यक्रम का संचालन किया।
अंतिम सत्र में ईआईआरसी के वाइस चेयरमैन सीए संजीव संघी और रिवॉल्यूशन के संस्थापक विशाल दवे ने तकनीकी सत्र पर चर्चा की। मोहित साव ने कार्यक्रम का संचालन किया।
वक्ताओं के सारगर्भित चर्चा से यहां शामिल हुए लोगों ने कंपनी लॉ के कई सूक्ष्म पहलुओं के बारे में सवाल किए।
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क्या है आईसीएसआई
- इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) में कंपनी सचिवों के पेशे से जुड़ने वालों के विनियमन और विकास के लिए संसद का एक अधिनियम प्रदान करता है। यह भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में कार्य करता है। संस्थान के चार क्षेत्रों में फैले 72 चैप्टर हैं, जिनमें 69 हजार से अधिक सदस्य और लगभग दो लाख छात्र हैं। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम का आयोजन देश की सबसे पुरानी और एकमात्र बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के साथ पार्टनरशिप में हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश
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