मप्र में संघ पदाधिकारियों की लिखी किताबें पढ़ेंगे कॉलेज के छात्र, शिक्षा विभाग ने भेजी 88 किताबों की सूची
भोपाल, 12 अगस्त (हि.स.)। मध्यप्रदेश के कॉलेजों में अब विद्यार्थी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों द्वारा लिखी गई किताबें पढ़ेंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने सोमवार को सभी सरकारी और निजी कॉलेजों को 88 किताबों की सूची भेजी है। इनमें संघ के सह सरकार्यवाह रहे सुरेश सोनी की तीन किताबें भी शामिल हैं।
मप्र उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी धीरेन्द्र शुक्ल ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के संचालकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचित कराने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ का गठन तथा गतिविधियों के संचालन के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि सभी कॉलेज भारतीय ज्ञान पंरपरा प्रकोष्ठ के लिए एक-एक किताब क्रय की जानी है। किताबों की सूची पत्र के साथ संलग्न की जा रही है। किताबों की खरीदी के खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए सरकारी कॉलेजों की जनभागीदारी मद और निजी कॉलेजों में संस्था की निधि से सक्षम अनुमति से की जाएगी।
सूची में इन लेखकों की किताबें
उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को जिन लेखकों की किताबें खरीदने के निर्देश दिए हैं। उनमें डॉक्टर अतुल कोठारी, दीनानाथ बत्रा, देवेन्द्र राव देशमुख सहित कई संघ नेताओं द्वारा लिखी किताबें शामिल हैं। इस फैसलो को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है और इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है। कांग्रेस के पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि कॉलेजों में पढ़ना ही है तो वैज्ञानिकों द्वारा लिखी किताबें पढ़ाते। ये पूरी तरह से ग़लत है। हम इसके ख़िलाफ़ कोर्ट जाएंगे।
वहीं, संघ नेताओं द्वारा लिखी किताबें कॉलेजों में पढ़ाने को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि जो भी किताबें छात्रों का ज्ञान बढ़ाएं उनका बौद्धिक विकास करें वही किताबें पढ़ाई जा रही हैं। इसमें कोई ग़लत बात नहीं हैं। कांग्रेस का तो काम ही सिर्फ़ और सिर्फ़ विरोध करना है। नफ़रत का पाठ तो कांग्रेस के राज में पढ़ाया गया। वामपंथी विचारधारा और आक्रमणकारियों के बारे में पढ़ाया गया। कांग्रेस को तो कुछ कहने का अधिकार ही नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / प्रभात मिश्रा
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