सिखों ने अपने शौर्य-पराक्रम से हमेशा देश और धर्म की रक्षा की: योगी आदित्यनाथ

- बैसाखी पर्व पर याहियागंज गुरुद्वारे में आयाेजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
- खालसा पंथ के स्थापना दिवस 'बैसाखी' पर मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को बधाई
लखनऊ, 13 अप्रैल (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खालसा पंथ के स्थापना दिवस और बैसाखी पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। याहियागंज स्थित गुरुद्वारे में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना कर देश और धर्म की रक्षा का संदेश दिया था।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह की स्थापित खालसा पंथ का उद्देश्य था कि ''सकल जगत में खालसा पंथ जागे, जगे धर्म हिन्दू, सकल भंड भाजे।'' गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब के क्रूर शासन के खिलाफ पंज प्यारों के साथ खालसा पंथ की नींव रखी थी। मुख्यमंत्री ने गुरु गोविंद सिंह महाराज द्वारा स्थापित खालसा पंथ के 325 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि सिख समुदाय ने हर विपरीत परिस्थिति में अपने शौर्य और पराक्रम से देश-धर्म की रक्षा की। उन्होंने गुरु नानक देव जी से शुरू हुई सिख परंपरा को विश्व में अनुपम बताया।
हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत हैं गुरु गोविंद सिंह के उपदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एक तरफ क्रूर औरंगजेब का शासन था, अत्याचार की पराकाष्ठा थी, जजिया कर के जरिए हिन्दुओं को पूरी तरह से इस्लाम में बदलने की क्रूर चाल थी। मंदिरों को तोड़ा जा रहा था। बहन बेटियों की इज्जत पर सरेआम हाथ डाला जा रहा था। उस समय अपने एक लाख शिष्यों के साथ देश और धर्म पर मंडरा रही इस ज्वलंत समस्या के खिलाफ प्रभावी शंखनाथ करने का कार्य दशमेश गुरु गोविंद सिंह महाराज ने किया। उन्होंने इसका नाम खालसा रखा। खालसा का मतलब, 'परमात्मा के विशेष जन, जो पूर्ण निर्मल मन से कार्य कर सकें।' उनके उपदेश आज भी हमारे लिए प्रेरणा हैं। केवल सिखों के लिए नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। योगी ने कहा कि सिख कहीं भी होगा वह बिना झुके बिना डिगे अपने पथ पर आगे बढ़ता है इसीलिए सरदार कहलाता है।
मुख्यमंत्री ने पंजाब और तराई में हुए धर्मांतरण पर जताई चिंता
मुख्यमंत्री योगी ने तराई और पंजाब में हो रहे धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने बिना भेदभाव के पंज प्यारे चुने थे। गुरुद्वारों में आज भी हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के लंगर मिलता है, फिर भी धर्मांतरण की घटनाएं हो रही हैं। इसे रोकने और इसके कारणों का निवारण करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने पंज प्यारों का जिक्र करते हुए बताया कि लाहौर के दयाराम, दिल्ली के धर्मदास, द्वारका के मोहकम चंद, जगन्नाथ पुरी के हिम्मत राय और बीदर के साहेब चंद के रूप में बिना किसी भेद-भाव के खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह को शहीद पिता का पुत्र और शहीद पुत्रों का पिता बताते हुए उनके बलिदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज के बंदे जहां कहीं भी गये हैं, उन्होंने अपने जज्बे, संघर्ष, शौर्य और पराक्रम से अपना लोहा मनवाया है।
तराई के युवाओं को दिया पलायन न करने का संदेश
मुख्यमंत्री ने तराई क्षेत्र के सिख युवाओं के विदेश पलायन पर भी चिंता जताते हुए कहा कि सिख समुदाय ने मलेरिया प्रभावित इस क्षेत्र को उपजाऊ बनाया, लेकिन अब इसे और मजबूती देने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से गुरु परंपरा के उपदेशों का पालन कर पुरुषार्थ के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस पराक्रम और पुरुषार्थ के लिए गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, हमें उससे भागना नहीं है। जो भी कौम अपने पुरुषार्थ से डिगेगी उसके सामने संकट आएगा। हमें गुरु परंपरा के साथ उनके उपदेशों का अक्षरश: पालन करना चाहिए।
गुरु तेग बहादुर की 350वीं जयंती पर यूपी में होंगे भव्य कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस पूरे देश में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास से हुई थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर की 350वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश में भव्य आयोजन की योजना है। कार्यक्रम के लिए प्रदेश की गुरुद्वारा कमेटी को व्यापक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह, चारों साहिबजादों और सिख योद्धाओं का बलिदान उनके स्वयं के लिए नहीं था, देश और धर्म के लिए था। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। इस वर्ष आयोजित होने वाला कार्यक्रम गुरु परंपरा के प्रति हमारी ओर से कृतज्ञता ज्ञापित करने का बड़ा माध्यम होगा। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंध कमेटियों से गुरु तेग बहादुर की 350वीं जयंती के आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया और कहा कि गुरु परंपरा के प्रति सच्ची कृतज्ञता यही होगी कि उनके आदर्शों को जीवंत रखा जाए।
इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख, विधान परिषद् सदस्य मुकेश शर्मा, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, गुरुद्वारा साहिब याहियागंज के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह, सतनाम सिंह सेठी, मंजीत सिंह तलवार, डॉ. अमरजीत सिंह, सुरेन्द्र पाल सिंह, दलजीत सिंह बग्गा, सतवीर सिंह सन्नी, प्रीत सिंह अरोड़ा सहित अन्य गणमान्य एवं बड़ी संख्या में सिख समुदाय के श्रद्धालुगण मौजूद रहे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला