मुख्यमंत्री ने किर्गिस्तान में फंसे मप्र के छात्रों से की बात, सुरक्षा का दिया आश्वासन
- वीडियो कॉल कर जाना हाल, कहा- आप सुरक्षित, परीक्षा कराकर घर ले आएंगे
- किर्गिस्तान में मध्यप्रदेश के 1200 से ज्यादा छात्र कर रहे मेडिकल की पढ़ाई
भोपाल, 21 मई (हि.स.) । प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉण् मोहन यादव ने मंगलवार को किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से स्थानीय हालातों के बारे में पूछा। साथ ही विद्यार्थियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार उनकी चिंता कर रही है। दरअसल, स्थानीय स्तर पर विवाद के कारण किर्गिस्तान में अशांति की स्थिति निर्मित हुई है। बातचीत में विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वहां उन्हें फिलहाल कोई परेशानी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को किर्गिस्तान में फंसे मध्यप्रदेश के मेडिकल स्टूडेंट्स से वीडियो कॉल कर बात की। सीएम ने छात्रों से स्थानीय हालातों और सुरक्षा के बारे में पूछा। उन्होंने छात्रों को भरपूर मदद देने और भारत वापसी को लेकर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने रोहित पांचाल, रवि सराठे और विवेक शर्मा से बात की। उनसे अन्य विद्यार्थियों का हालचाल लिया। मुख्यमंत्री ने छात्रों से बातचीत के बाद मीडिया को बताया कि बच्चों को वहां सुरक्षा मिली हुई है। वहां लगभग 30000 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें 1200 से ज्यादा मध्यप्रदेश के छात्र हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उनकी जानकारी में लाया गया है किर्गिस्तान में बच्चे मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं। वहां पाकिस्तान के लोगों का स्थानीय लोगों से कुछ झगड़ा हो गया। उसमें पाकिस्तान के बच्चे घायल हुए हैं। इस आधार पर भारत के बच्चों को भी चिंता हो रही है। मैंने अपनी तरफ से वहां बच्चों से बातचीत की है। छात्रों में मध्य प्रदेश के उज्जैन, मंदसौर, नीमच अन्य स्थानों के बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं और मध्यप्रदेश सरकार, भारत सरकार उनसे लगातार संपर्क में है। साथ ही किर्गिस्तान की सरकार से भी बातचीत जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे माहौल में जब कोई स्थानीय झगड़ा होता है तो थोड़ा तनाव होता है लेकिन सब बच्चों को वहां पर सुरक्षा मिली है। सब हॉस्टल में हैं। पुलिस का पूरा इंतजाम है। हमारे अधिकारी संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह निर्णय किया कि बच्चों की परीक्षा करा कर वहां से वापस बुलाया जाएगा। नहीं तो उनके पूरे साल का नुकसान होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / उमेद/संजीव
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