मुख्यमंत्री, 36 विधायकों, दो सांसदों ने ली मणिपुर की रक्षा की शपथ

मुख्यमंत्री, 36 विधायकों, दो सांसदों ने ली मणिपुर की रक्षा की शपथ
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मुख्यमंत्री, 36 विधायकों, दो सांसदों ने ली मणिपुर की रक्षा की शपथ


इंफाल, 24 जनवरी (हि.स.)। आज मणिपुर के कांगला में एक बैठक में 36 मैतेई विधायक और दो सांसद ने एकत्र होकर राज्य की सुरक्षा के लिए शपथ ली। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस दोनों के विधायकों ने राज्य की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम करने के प्रस्ताव पर भी हस्ताक्षर किए। बाद में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी शपथपत्र पर हस्ताक्षर किए। हालांकि, मुख्यमंत्री कांगला में आयोजित इस बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक का आयोजन मैतेई नागरिक समाज संगठन अरामबाई तेंगगोल (एटी) द्वारा आज किया गया।

यह बैठक पिछले दिनों संदिग्ध विद्रोहियों द्वारा चार मैतेई लकड़हारे, एक ग्राम रक्षा स्वयंसेवक और दो पुलिस कमांडो की हत्याओं के प्रतिक्रिया स्वरूप में बुलाई गई थी। एटी ने मैतेई विधायकों को इस महत्वपूर्ण समय में अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करके लगभग नौ महीने से जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की रक्षा के लिए प्रार्थना करने और साथ मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित किया था।

बैठक में युवाओं, महिला समूहों, छात्रों सहित हजारों की संख्या में लोग कांगला में आयोजित इस बैठक में भाग लेने के लिए एकत्र हुए। एटी के स्वयंसेवकों की कुल संख्या 50 हजार से 80 हजार के बीच होने की जानकारी दी गई है।

सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में विधायकों और मंत्रियों को कांगला उत्रा मंदिर के सामने शपथ लेते हुए देखा गया। एटी के प्रमुख कोरौंगनबा खुमान ने कहा कि इसका उद्देश्य निर्वाचित सदस्यों को लोगों की समस्या का समाधान करने की उनकी जिम्मेदारी का याद दिलाना है।

बैठक में एटी ने छह मांगें रखी। इनमें सन् 1951 को आधार वर्ष मानकर एनआरसी लागू करना। कुकी उग्रवादियों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते को रद्द करना। सभी म्यांमार शरणार्थियों का निर्वासन करना। सीमा पर बाड़ लगाना। असम राइफल्स को अन्य केंद्रीय बलों से बदलना तथा अवैध कुकी अप्रवासियों को अनुसूचित जनजाति सूची से हटाना शामिल है। भीड़ को संबोधित करते हुए खुमान ने घोषणा की कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) के तहत कुकी उग्रवादियों को नियंत्रित करने के उपायों का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तीन सदस्यीय विशेष टीम 23 जनवरी को इम्फाल आई और एटी से बातचीत की।

इस बीच, नगा जनजातियों के नेताओं सहित 35 विधायकों ने केंद्र से 25 कुकी विद्रोही समूहों के साथ एसओओ समझौते को रद्द करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अगर यह मांग पूरी नहीं हुई तो नेता लोगों से सलाह-मशविरा कर उचित कार्रवाई करेंगे। एसओओ समझौते के तहत, विद्रोहियों को निर्दिष्ट शिविरों में रखा जाता है, जहां हथियारों को डबल लॉक के तहत रखा जाता है। आरोप लगे हैं कि मणिपुर में जारी हिंसा में एसओओ कैंप के सदस्य शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीप्रकाश/अरविंद/आकाश

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