बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग, सिविल सोसाइटी ने जताई चिंता
कोलकाता, 10 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर कोलकाता स्थित एक सिविल सोसाइटी संगठन ने गहरी चिंता जताई है। 'देश बचाओ गणमंच' ने मंगलवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
संगठन ने बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया। बयान में कहा गया कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार मानवता पर हमला हैं।
संगठन ने अपने प्रेस बयान में कहा कि आतंकियों द्वारा अल्पसंख्यकों पर हमले और उनकी पूजा स्थलों को नुकसान पहुंचाना चिंताजनक है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया का समर्थन करते हुए मंच ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रशासनिक क्षमता पर उन्हें भरोसा है और राज्य में किसी भी प्रकार की अशांति को कुचलने की क्षमता प्रशासन के पास है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बांग्लादेश के कुछ नेताओं के कथित उकसाने वाले बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि बांग्लादेश कुछ ही दिनों में पश्चिम बंगाल पर कब्जा कर सकता है। मुख्यमंत्री ने इन बयानों को बेतुका करार देते हुए विधानसभा में कहा था कि जब आप हमारी जमीन पर कब्जा करने आएंगे, तो यह न सोचें कि हम हाथ में लॉलीपॉप लिए होंगे।
बनर्जी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को अस्वीकार्य बताते हुए अंतरिम सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना राज्य में तनाव भड़काने के लिए नकली वीडियो के प्रसार को भी दोषी ठहराया और एक राजनीतिक दल पर आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने भारत के धार्मिक समुदायों के बीच एकता की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
'देश बचाओ गणमंच' ने कहा कि पश्चिम बंगाल बांग्लादेश का निकटतम पड़ोसी राज्य है और दोनों के बीच सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा होती है, इसलिए केंद्र सरकार को बांग्लादेश से जुड़े किसी भी निर्णय से पहले राज्य की मुख्यमंत्री से परामर्श करना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर