भारतीय पनडुब्बी 'करंज' से 250 समुद्री मील दूर चीनी जहाज ने शुरू किया मिशन

भारतीय पनडुब्बी 'करंज' से 250 समुद्री मील दूर चीनी जहाज ने शुरू किया मिशन
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भारतीय पनडुब्बी 'करंज' से 250 समुद्री मील दूर चीनी जहाज ने शुरू किया मिशन

- आईएनएस 'करंज' ने कोलंबो के बंदरगाह पर लंगर डाला, जियांग यांग होंग 03 पहुंचा करीब

- भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर से गुजरा चीनी अनुसंधान जहाज

नई दिल्ली, 04 फरवरी (हि.स.)। मालदीव की ओर जाने वाले चीनी महासागर अनुसंधान जहाज जियांग यांग होंग 03 ने रविवार से भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर अपना मिशन शुरू कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय पनडुब्बी आईएनएस ‘करंज’ ने एक दिन पहले ही इस चीनी जहाज से सिर्फ 250 समुद्री मील की दूरी पर कोलंबो के एक बंदरगाह पर लंगर डाला है।

भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस 'करंज' तीन फरवरी को अपनी पहली विदेशी औपचारिक यात्रा पर कोलंबो बंदरगाह पहुंची है। श्रीलंकाई नौसेना ने नौसैनिक परंपराओं के अनुरूप मेहमान पनडुब्बी का स्वागत किया। यह भारतीय पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी है, जिसमें 53 लोगों का दल है। इसकी कमान कमांडर अरुणाभ के पास है। आधिकारिक यात्रा का समापन करते हुए आईएनएस 'करंज' पांच फरवरी को द्वीप से प्रस्थान करेगी। इस बीच इस पनडुब्बी पर श्रीलंका के नौसेना कर्मी एक जागरुकता कार्यक्रम में भाग लेंगे। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी का दौरा किया और चालक दल के साथ बातचीत की। श्रीलंका के 100 नौसेना कर्मियों ने भी परिचय ब्रीफिंग के लिए जहाज पर दौरा किया।

इस बीच मालदीव और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भेजे जाने वाले चीनी जासूसी जहाज़ों पर भारतीय नौसेना की पैनी नजर है। नौसेना ने अरब सागर में विदेशी व्यापारिक जहाज़ों पर हूती उग्रवादियों के लगातार हमलों के बाद भारत की समुद्री सीमा पर चौकसी बढ़ाई है। मालदीव के राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जु के चीन दौरे के बाद चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपना अनुसंधान जहाज जियांग यांग होंग 03 भेजा है, जो मालदीव की तरफ बढ़ रहा है। इसके 8 फरवरी तक मालदीव की राजधानी माले पहुंचने की उम्मीद है। चीनी जहाज ने भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर अपना मिशन शुरू कर दिया है।

भारत समुद्री सीमा के आधार पर अंडमान को बहुत ही रणनीतिक द्वीप मानता है, क्योंकि यहीं से पूरे भारतीय समुद्री क्षेत्र और दक्षिण पूर्व एशिया पर नजर रखी जा सकती है। चीनी जासूसी जहाज पिछले पांच साल से श्रीलंका के रास्ते हिंद महासागर क्षेत्र में आते रहे हैं, लेकिन अब इन जहाजों ने आईओआर में आने के लिए मालदीव का रास्ता पकड़ लिया है। चीन के जासूसी जहाज समय-समय पर श्रीलंका, मालदीव, बंगाल की खाड़ी, अरब सागर में दिखाई दिए हैं। चीन यात्रा के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु की बयानबाजी से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। मालदीव के प्रति भारत का कड़ा रुख अपनाने के बाद अब वहां की सरकार चीन की तरफ झुक रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/पवन

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