मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई ने मां विंध्यवासिनी का किया दर्शन-पूजन, विंध्य कॉरिडोर की भव्यता निहारा
- गुड़हल व हर श्रृंगार के पौध का रोपण कर दे गए पर्यावरण संरक्षण का संदेश
मीरजापुर, 13 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को विंध्य दरबार में शीश नवाया और मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर आशीष मांगा। वह दर्शन-पूजन के बाद मंदिर परिसर में गुड़हल और हरश्रृंगार के पौधे का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे गए।
गौरतलब है कि जेड श्रेणी की सुरक्षा में मुख्य न्यायाधीश को लखनऊ से हेलीकाप्टर से दोपहर लगभग तीन बजकर 45 मिनट पर अष्टभुजा पहाड़ी पर लैंड करना था, लेकिन आखिरी समय में योजना में परिवर्तन किया गया। वह लखनऊ से सीधे वाराणसी पहुंचे। वहां से सड़क मार्ग से विंध्याचल पहुंचे।
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ पुरानी वीआईपी मार्ग से गर्भगृह की ओर बढ़े। गर्भगृह पहुंच मुख्य न्यायाधीश ने आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी का पूजन-अर्चन किया।इसके उपरांत मंदिर परिसर में विराजमान समस्त देवी-देवताओं को नमन किया। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कारिडोर का भ्रमण कर धाम की भव्यता निहारा।
श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने पूजन-अर्चन कराया। अध्यक्ष ने मां विंध्यवासिनी की प्रतिमा देकर और चुनरी ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। विंध्याचल पहुंचने पर सर्वप्रथम जनपद न्यायाधीश अनमोल पाल, मंडलायुक्त डा. मुथुकुमार स्वामी बी.,जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन आदि ने उन्हें बुके देकर स्वागत किया।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिवप्रताप शुक्ला, अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व सत्यप्रकाश सिंह, अपर उप जिलाधिकारी भरत लाल सरोज, उप जिलाधिकारी सदर आशाराम वर्मा, लालगंज गुलाबचंद्र आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा / राजेश
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