मानसून थमते ही चारधाम यात्रा ने पकड़ी रफ्तार,अब तक 38 लाख तीर्थयात्री पहुंचे
सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है: मुख्यमंत्री धामी
देहरादून, 1 अक्टूबर (हि.स.)। मानसून थमते ही चारधाम यात्रा ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। धामी सरकार ने केदारघाटी में आपदा से निपटने में पूरी तत्परता के साथ स्थिति को सामान्य बनाया है। इसके बाद फिर यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं। अभी तक 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं। बीते दिवस 30 सितंबर को 20,497 श्रद्धालु चारधाम दर्शन को पहुंचे। इनमें केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7,350 तीर्थयात्री पहुंचे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की चारधाम यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। सरकार ने केदारघाटी में 31 जुलाई को आई बड़ी आपदा पूरी तैयारी के साथ सामना किया। पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकाला। करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया था। इसके बाद केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल कर पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई। आपदा के बाद अब दूसरे चरण की यात्रा ने जोर पकड़ लिया है। अक्टूबर और नवंबर माह में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। 30 सितंबर को हेमकुंड और गोमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे। इनमें केदारनाथ के अलावा बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री 3619, यमुनोत्री 2717, हेमकुंट 1632 और 115 श्रद्धालु गोमुख पहुंचे।
रिकॉर्ड बनाएगी चारधाम यात्रा
इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं, जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही।
मुख्मयंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
बेहतर यात्रा प्रबंधन पर नजर:
-केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बनाए गए बीस पार्किंग स्थल।
-पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली।
-यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती।
-यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन।
-यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना।
-ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती।
-स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना। स्वास्थ्य मित्र हैं तैनात।
-यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस तैनात। 8 ब्लड बैंक और 2 भंडारण इकाइयां स्थापित
-49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट। 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार
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