52 लाख से अधिक श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों ने किए चारधाम के दर्शन
देहरादून, 02 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर है, लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। कल तक 52 लाख से अधिक श्रद्धालु और तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।
मंदिर समिति की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2023 में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 27 अप्रैल से 1 नवंबर की रात्रि तक 17 लाख 20514 दर्शन को पहुंचे। एक नवंबर को ही 6250 यात्री बदरीधाम पहुंचे थे। शनिवार 18 नवंबर को बदरीनाथ के कपाट बंद हो जाएंगे। इसी तरह श्री केदारनाथ धाम में 25 अप्रैल से 1 नवंबर तक कुल तीर्थयात्री 18 लाख 98 हजार 161 पहुंचे जबकि एक नवंबर को 9228 यात्री पहुंचे। इनमें एक लाख 29 हजार 872 यात्री हेलीकाप्टर से पहुंचे। केदारनाथ धाम के कपाट बुधवार 15 नवंबर भैया दूज के दिन बंद हो जाएंगे।
इसी तरह श्री गंगोत्री धाम 22 अप्रैल से 1 नवंबर तक 8 लाख 90 हजार 441 यात्री पहुंचे। एक नवंबर को 2586 यात्री दर्शन को पहुंचे थे। श्री गंगोत्री के कपाट बंद 14 नवंबर अन्नकूट के दिन बंद हो जाएंगे। इसी प्रकार श्री यमुनोत्री धाम 22 अप्रैल से 1 नवंबर तक 7 लाख 27 हजार 359 यात्री दर्शन को पहुंचे 1 नवंबर को 2586 यात्री दर्शन करने पहुंचे थे। 15 नवंबर भैया दूज के दिन यहां के कपाट बंद हो जाएंगे।
कुल योग की दृष्टि से से देखा जाए तो श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 36 लाख 18 हजार 675 है जबकि इसी अवधि तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 16 लाख 13 हजार 991 है। 31 अक्टूबर शाम तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या 52 लाख 17 हजार 177 तक पहुंच गई थी।
इसी प्रकार श्री हेमकुंड साहिब- लोकपाल तीर्थ के कपाट 20 मई को खुले थे और 11 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बंद हो गये थे। उत्तराखंड पुलिस आंकड़ों के अनुसार यहां एक लाख 77 हजार 463 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। हेमकुंड ट्रस्ट द्वारा यात्रियों की संख्या 2 लाख 62 हजार 351 बतायी गयी है।
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट 20 मई को खुले थे और 18 अक्टूबर को बंद हो गए हैं। विग्रह मूर्ति 20 अक्टूबर को गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर पहुंच गयी। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर के कपाट 22 मई को श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु खुले और 22 नवंबर को बंद हो जाएंगे। अभी तक यहां 12 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट 26 अप्रैल को खुले। यहां के कपाट बंद होने तक एक लाख छत्तीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। 1 नवंबर बुधवार को यहां के कपाट बंद हो गये। श्री तुंगनाथ की विग्रह डोली रात्रि प्रवास को चोपता पहुंची। विग्रह देव डोली 3 नवंबर को शीतकालीन पूजास्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज
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