भारत को प्राचीन समय से तक्षशिला व नालंदा जैसी विश्वविद्यालयाें काे आधुनिक शिक्षा देने के लिए विश्व में सम्मान मिला: चंद्रबाबू नायडू
राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में चार दिवसीय भारतीय विज्ञान सम्मेलन शुरू संघ प्रमुख डाॅ माेहन भागवत और केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने अपने विचार रखे
तिरुपति, 26 दिसंबर (हि.स.)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि भारत एक ऐसा देश रहा है जिसने पुराने समय में भी ज्ञान हासिल किया। हजारों साल पहले हमें हड़प्पा सभ्यता के ज़रिए दुनिया को यह दिखाने का सम्मान मिला कि शहरी विकास क्या है। हमने 2900 साल पहले योग किया। आज विश्वस्तर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के प्रयास से 150 देश योग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शुक्रवार काे भारतीय विज्ञान सम्मेलन में उद्घाटन कार्यक्रम काे संबाेधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ मोहन भागवत और केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह भी शामिल हुए। यहां राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित इस चार दिवसीय भारतीय विज्ञान सम्मेलन में प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक ज्ञान पर मंथन हो रहा है।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने देश की पुरानी विरासत और ज्ञान की भंडार की सराहना की। उन्होंने देश की संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के प्रयासाें की भी प्रशंसा की। नायडू ने कहा कि देश और भारतीयता पर बात करने के लिए यह सही मंच है। भारत एक ऐसा देश रहा है जिसने पुराने समय में ज्ञान हासिल किया है। हजारों साल पहले, हमें हड़प्पा सभ्यता के ज़रिए दुनिया को यह दिखाने का सम्मान मिला कि शहरी विकास क्या है। हमने 2900 साल पहले योग किया। आज प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से 150 देश योग कर रहे हैं। हमारे पास 2600 साल पहले आयुर्वेद के ज़रिए चिकित्सा उपलब्ध कराने का इतिहास है।
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि विश्व में भारत को पुराने समय में तक्षशिला और नालंदा जैसी विश्वविद्यालय काे आधुनिक शिक्षा देने का सम्मान मिला। भारतीयों ने ही दुनिया को शून्य से परिचित कराया और शतरंज का आविष्कार किया, जिससे दिमाग तेज़ होता है। खगोल शास्त्र में आर्यभट्ट, अंक शास्त्र में भास्कराचार्य, चिकित्सा में चरक और धन्वंतरि और अर्थशास्त्र में कौटिल्य जैसी महान हस्तियां हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई विशेषज्ञ हैं जिन्होंने अलग-अलग विशेषण क्षेत्र में में बेहतरीन काम किया है।
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि देश के विकास में कई क्षेत्र आपस में जुड़े हुए हैं। वर्ष 1991 में हुए आर्थिक सुधारों के बाद सबसे ज़रूरी बदलाव हुए हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे देश में एक स्थिर सरकार है। भारत 2038 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा और वर्ष 2047 तक दुनिया की एक ताकत के तौर पर उभरेगा। हमारे देश का नाम हमेशा याद रखा जाएगा। दुनिया में आप जहां भी जाएं, वहां भारतीय मौजूद हैं।
उल्लेखनीय है कि इस चार दिवसीय भारतीय विज्ञान सम्मेलन में 1,500 प्रतिनिधि एक साथ भाग ले रहे हैं। सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक शेखर सी मांडे, डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी, राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन के निदेशक अरविंद सी रानाडे और पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के आलोक चतुर्वेदी, आईआईटी के निदेशक, राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों के प्रमुख और विश्वविद्यालयों के कुलपति माैजूद रहे। इस सम्मेलन के समापन सत्र में उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय करंदीकर शामिल होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव

