बंगाल में उज्ज्वला कनेक्शन के 14 लाख मामले लंबित, केंद्र ने बंगाल सरकार को दोषी ठहराया

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बंगाल में उज्ज्वला कनेक्शन के 14 लाख मामले लंबित, केंद्र ने बंगाल सरकार को दोषी ठहराया


राज्यसभा सदस्य शामिक भट्टाचार्य के सवाल पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री ने दिया जवाब

हुगली, 3 फ़रवरी (हि. स.)। पश्चिम बंगाल सरकार की जिला उज्ज्वला समितियों (डीयूसी) का गठन नहीं करने के लिए आलोचना की गई है, जिसके परिणामस्वरूप कई गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने में देरी हुई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद शामिक भट्टाचार्य द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया है कि केंद्र सरकार के आग्रह के बावजूद जनवरी-2024 तक पश्चिम बंगाल के किसी भी जिले में कोई भी जिला उज्जवला समिति का गठन नहीं किया गया।

भट्टाचार्य ने बताया कि पश्चिम बंगाल में लगभग 14 लाख परिवार अभी भी अपने एलपीजी कनेक्शन का इंतजार कर रहे हैं। यह संख्या उज्ज्वला योजना के तहत भारत में लंबित सभी आवेदनों का 54 प्रतिशत है। जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अतिरिक्त 75 लाख कनेक्शन जारी करने को अधिकृत किया है, जिसमें डीयूसी के माध्यम से जिला-स्तरीय समीक्षा अनिवार्य है। हालांकि पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार ने इस निर्देश का पालन नहीं किया, जिसके कारण काफी देरी हुई।

उन्होंने बताया कि इस देरी को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने जिला खाद्य और नागरिक आपूर्ति अधिकारी को छोड़कर डीयूसी की संरचना को संशोधित किया। साथ ही 29 जनवरी को तेल विपणन कंपनियों को इस बदलाव के बारे में सूचित किया। फिर भी केंद्र सरकार ने अपने आधिकारिक जवाब में भट्टाचार्य के 14 लाख लंबित कनेक्शनों के आंकड़े की पुष्टि या खंडन नहीं किया। भट्टाचार्य ने सार्वजनिक रूप से पश्चिम बंगाल सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया है। साथ ही पूछा है कि वह अपने नागरिकों की स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच में बाधा क्यों डाल रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय

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