बंगाल पहुंची केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 150 कंपनियां, सबसे अधिक तैनाती उत्तर 24 परगना में
कोलकाता, 14 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव की घोषणा से काफी पहले पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती हो गई है। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने गुरुवार को बताया कि हालांकि आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है लेकिन राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 150 कंपनियां पहले ही तैनात की जा चुकी हैं।
आयोग के एक सूत्र ने बताया कि 21 कंपनियों की अधिकतम तैनाती कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले में की गई है जिसका मुख्य केंद्र संदेशखाली में है। हिंसाग्रस्त संदेशखाली काफी समय से उबाल पर है। वहां लोग स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक वर्ग द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। बशीरहाट जिला पुलिस के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले इलाकों में पांच सीएपीएफ कंपनियों को तैनात किया गया है जिसके अंतर्गत संदेशखाली आता है। अगली सबसे बड़ी तैनाती कोलकाता में है, जहां 10 कंपनियों को तैनात किया गया है। हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना जिलों में सीएपीएफ की नौ कंपनियां तैनात की गई हैं।
अनुभवी नौकरशाहों का कहना है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से काफी पहले सीएपीएफ की इतनी बड़ी तैनाती अभूतपूर्व है। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ की कुल 920 कंपनियां तैनात की जाएंगी, जो किसी अन्य राज्य से ज्यादा है। तृणमूल कांग्रेस राज्य में सीएपीएफ की इतनी जल्दी तैनाती की निंदा कर चुकी है।
तृणमूल नेताओं के मुताबिक चूंकि सीएपीएफ के जवान शिक्षण संस्थानों में रह रहे हैं, इसलिए शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है। ईसीआई की पूर्ण पीठ की हालिया यात्रा के दौरान, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राज्य प्रशासनिक मशीनरी को किसी भी कीमत पर शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने का कड़ा संदेश दिया। उन्होंने राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान कहा था, “मतदान उत्सव के माहौल में होना चाहिए। उच्च प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों को अपने अधीनस्थों के सभी स्तरों तक संदेश पहुंचाने का निर्देश दिया गया है ताकि हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं यदि राज्य प्रशासन और पुलिस ऐसा करने में विफल रहती है, तो हम उनसे ऐसा कराएंगे।'
हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश / गंगा/प्रभात
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