अपनी ही बेटी का अपहरण कर 'फरार' हुए पिता, मां की याचिका पर कोर्ट ने देशभर में तलाशी के दिए आदेश
कोलकाता, 26 अगस्त (हि.स.)। कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मां की याचिका पर कार्रवाई करते हुए देशभर में एक पिता की तलाश के आदेश जारी किए हैं, जिसने अपनी ही बेटी का कथित तौर पर अपहरण कर लिया है। इस मामले में मां ने अदालत में याचिका दाखिल कर बताया कि उसके पति ने उनकी पांच साल की बेटी को जबरदस्ती अपने साथ ले लिया है और वह किसी भी समय देश से बाहर जा सकता है। मां ने अदालत से गुहार लगाई कि उनकी बेटी को वापस लाया जाए और आरोपित पति को किसी भी तरह से विदेश जाने से रोका जाए।
हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि देश के सभी हवाई अड्डों पर अलर्ट जारी किया जाए ताकि आरोपित देश छोड़कर भाग न सके। न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रसीदी की खंडपीठ ने आदेश दिया कि 24 घंटे के भीतर जांच अधिकारी को आरोपित की तलाश शुरू करनी होगी और बच्ची को वापस लाने के लिए पुलिस को सभी आवश्यक कदम उठाने की अनुमति दी गई है।
यह मामला 2012 में शुरू हुआ था, जब कोलकाता के हाइलैंड पार्क के निवासी अंकों सरकार की शादी श्रावणी दत्ता से हुई थी। 2022 से उनके संबंधों में खटास आ गई और वे अलग रहने लगे। इसके बाद, दोनों के बीच उनकी पांच साल की बेटी की कस्टडी को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हुई। निचली अदालत ने फैसला सुनाया कि बच्ची अपनी मां के पास ही रहेगी, लेकिन छुट्टियों में पिता उससे फोन पर बात कर सकता है। श्रावणी ने अदालत के इस आदेश का पालन किया, लेकिन कुछ हफ्तों बाद ही 12 मई को, जब वह अपनी बेटी के साथ शॉपिंग मॉल जा रही थीं, उनके पति ने अचानक आकर बच्ची का अपहरण कर लिया और फरार हो गए।
इस घटना के बाद निचली अदालत ने आरोपित पिता और बच्ची को पेश होने का आदेश दिया, लेकिन आदेश का पालन न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया। इसके बावजूद भी बच्ची नहीं मिली तो श्रावणी ने हाई कोर्ट में 'हिबियस कॉर्पस' याचिका दायर की। उन्होंने अदालत को बताया कि उनके पति विदेश भाग सकते हैं, इसलिए उन्हें रोका जाना चाहिए। पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपित कोलकाता में नहीं है और उसकी तलाश की जा रही है।
न्यायमूर्ति बसाक ने पाया कि आरोपित न्यूटाउन की एक आईटी कंपनी में काम करता है और कंपनी से उसका पता लगाने में मदद करने के लिए कहा गया। कंपनी के डायरेक्टर ने अदालत को बताया कि आरोपित अब ऑफिस नहीं आ रहा है और वह घर से काम कर रहा है। उसके डिवाइस से पता चला कि वह राज्य के बाहर जा चुका है। पहले वह मुंबई से ऑफिस का काम कर रहा था। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को आदेश दिया कि आरोपित को विदेश जाने से रोका जाए और उसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों तक तुरंत पहुंचाई जाए। पुलिस को भी निर्देश दिया गया कि आईटी कंपनी से आरोपित के मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, बैंक अकाउंट नंबर जैसी सभी जानकारी जुटाकर तुरंत खोज शुरू की जाए।
इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त 2024 को होगी, जहां पुलिस को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर / गंगा / आकाश कुमार राय
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