नई दिल्ली, 02 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को किसानों के जीवन और आजीविका में सुधार के लिए 13,966 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ सात प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज सात योजनाओं को मंजूरी दे दी। केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आज इन फैसलों की जानकारी दी।
वैष्णव ने बताया कि कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों का जीवन बेहतर करने के लिए सरकार ने आज सात बड़े फैसले लिए हैं। इसके तहत 2817 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन, 3979 करोड़ से खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए फसल विज्ञान, 2291 करोड़ से प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को सुदृढ़ बनाना, 1702 करोड़ से सतत पशुधन स्वास्थ्य एवं उत्पादन, 860 रुपये के कुल परिव्यय के साथ बागवानी का सतत विकास, 1,202 करोड़ रुपये से कृषि विज्ञान केंद्र का सुदृढ़ीकरण और 1,115 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन जैसे सात कार्यक्रम शामिल हैं।
इंदौर से मुबंई को जोड़ेगी नई रेल लाइनः
कैबिनेट ने दो प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों-मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को मंजूरी दी।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ (लगभग) रुपये की कुल लागत के साथ नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है।
इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे को बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता मिलेगी। यह परियोजना 2 राज्यों यानी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करती है, जिससे भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क बढ़ेगा।
परियोजना से 102 लाख मानव दिवस का रोजगार पैदा होगा। इससे मध्य प्रदेश के श्रीअन्न उत्पादन क्षेत्रों का महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्रों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
इस परियोजना में 30 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे आकांक्षी जिला बड़वानी को कनेक्टिविटी मिलेगी। नई लाइन परियोजना लगभग 1,000 गांव और करीब 30 लाख आबादी को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
गुजरात के साणंद में स्थापित की जाएगी सेमीकंडक्टर यूनिटः
केन्द्र सरकार ने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित किए जाने को मंजूरी प्रदान की है। 3,300 करोड़ की लागत से यह यूनिट भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड स्थापित करेगा।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि इस यूनिट की 60 लाख चिप्स प्रतिदिन बनाने की क्षमता होगी। यहां बनी चिप्स का उपयोग ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहनों, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम और मोबाइल क्षेत्र में होगा।
भारत में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग ईको सिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम 21 दिसंबर 2021 को कुल 76,000 करोड़ के परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था। जून, 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के पहले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। फरवरी, 2024 में तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स धोलेरा, गुजरात में एक सेमीकंडक्टर फैब और असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है। सीजी पावर भी गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है।