कैबिनेट : 7 सालों में तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की योजना को मंजूरी

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कैबिनेट : 7 सालों में तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की योजना को मंजूरी


नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने अगले 7 वर्षों में तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 2024-25 से 2030-31 के लिए 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को उक्त मिशन को मंजूरी प्रदान की।

मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसका लक्ष्य तिलहन की खेती को अतिरिक्त 40 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाना है। साथ ही प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 39 मिलियन टन (2022-23) से बढ़ाकर 2030-31 तक 69.7 मिलियन टन करना है।

नव अनुमोदित एनएमईओ-तिलहन, रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल जैसी प्रमुख प्राथमिक तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। साथ ही कपास के बीज, चावल की भूसी और वृक्ष जनित तेलों जैसे द्वितीयक स्रोतों से संग्रहण और निष्कर्षण दक्षता को बढ़ाएगा।

बीज उत्पादन के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में 65 नए बीज केंद्र और 50 बीज भंडारण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।”

गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, मिशन 'सी ऑथेंटिकेशन ट्रेकायबिलिटी एंड हॉलिस्टिक इन्वेंटरी (बीज प्रमाणीकरण, पता लगाने योग्यता और समग्र सूची) (साथी)' पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन 5-वर्षीय रोलिंग बीज योजना शुरू करेगा।”

'साथी' पोर्टल से राज्य गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता के लिए हितधारकों के साथ समन्वय कर सकेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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