भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेष प्रदर्शनी के लिए पहुंचे थाईलैंड, 19 मार्च तक लोग कर सकेंगे दर्शन

भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेष प्रदर्शनी के लिए पहुंचे थाईलैंड, 19 मार्च तक लोग कर सकेंगे दर्शन
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भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेष प्रदर्शनी के लिए पहुंचे थाईलैंड, 19 मार्च तक लोग कर सकेंगे दर्शन


नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। भगवान बुद्ध और उनके श्रद्धेय शिष्यों, अराहाटा सारिपुट्टा और अराहाटा महा मोग्गलाना के पवित्र अवशेष सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए थाईलैंड पहुंच गए हैं।

गुरुवार को संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि पवित्र अवशेष भारत में संरक्षित किए गए थे और पहली बार, भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अवशेषों को एक साथ प्रदर्शित किया जा रहा है। इन अवशेषों का आगमन पूरे थाईलैंड में बौद्ध अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक चिंतन और भक्ति के दौर की शुरुआत करता है । थाईलैंड में इन अवशेषों की प्रदर्शनी भक्तों और वहां के नागरिकों श्रद्धांजलि अर्पित करने, प्रार्थना करने और बौद्ध धर्म के मूलभूत आंकड़ों के साथ अपने आध्यात्मिक संबंध को गहरा करने का अवसर प्रदान करती है।

इस पवित्र यात्रा में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार भी थाईलैंड गए हैं। थाईलैंड और भारत के भिक्षुओं ने प्रार्थना और अनुष्ठानों का नेतृत्व किया। इस मौके पर मीडिया से बातचीत में डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत और थाईलैंड के बीच गहरे संबंधों के साथ-साथ संस्कृति और धर्म के मामलों में साझा आपसी सम्मान और सहयोग को उजागर करता है। प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह यात्रा बौद्ध धर्म के जन्मस्थान भारत और बौद्ध परंपराओं और विरासत में गहराई से डूबे देश थाईलैंड के बीच एक प्रतीकात्मक पुल का प्रतिनिधित्व करती है। थाईलैंड में 90 प्रतिशत से अधिक आबादी बौद्ध हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल

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