Buddha Purnima 2023: इस साल बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहा दुर्लभ संयोग, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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वैशाख पूर्णिमा को विशेष तौर पर बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। बौद्ध धर्म में इसका विशेष महत्व है। दरअसल माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसके अलावा सात वर्षों की कठिन तपस्या के बाद इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध को बिहार के बोधगया के बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और मान्यताओं के अनुसार  बुद्ध पूर्णिमा के ही दिन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुद्ध का महानिर्वाण भी हुआ था। आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व। 

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बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 

वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 4 मई, दिन गुरुवार को रात 11 बजकर 44 मिनट से हो रहा है। बुद्ध पूर्णिमा समापन 5 मई, दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल 5 मई 2023 को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत रखा जाएगा। 

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बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु का जल चढ़ाएं।इसके बाद घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और आरती करें।अगर प्रसाद में तुसली का इस्तेमाल करते हैं तो बेहतर होगा।इस दिन सात्विक खाना ही खाएं।

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बुद्ध पूर्णिमा शुभ संयोग

पहला संयोग इस दिन बन रहा है साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा की रात 8:45 बजे से लगने वाला चंद्र ग्रहण रात के 1:00 बजे तक रहेगा। इस दिन सूर्योदय के बाद सिद्धि योग बन रहा है जो बहुत ही अच्छा कहा जाता है। इतना ही नहीं इस दिन स्वाति नक्षत्र भी रहेगा, जो लाभकारी और पुण्यदायी बताया गया है।

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वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा का महत्व 

बुद्ध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विषेश महत्व होता है। इससे व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है और वह खूब आगे बढ़ता है। इस दिन अगर आप किसी कारणवश नदी में स्नान न कर पाएं तो पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। साथ ही इस दिन यथा शक्ति कुछ न कुछ दान भी जरूर करना चाहिए।  इसके अलावा अगर आपसे अनजाने में कोई पाप हो गया है तो इस दिन चीनी और तिल का दान देने से इस पाप से छुटकारा मिल जाता है। 

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