एसआईआर के बीच बड़ी संख्या में लौट रहे हैं बांग्लादेशी, भारत–बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा

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एसआईआर के बीच बड़ी संख्या में लौट रहे हैं बांग्लादेशी, भारत–बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा


कोलकाता, 04 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के बीच भारत – बांग्लादेश सीमा पर हलचल तेज हो गई है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के आईजी मुकेश त्यागी ने बताया कि एसआईआर शुरू होने के बाद बांग्लादेशी नागरिकों के अपने देश लौटने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। बीते वर्ष भारत से कुल 47 बांग्लादेशी नागरिक लौटे थे, जबकि इस वर्ष पिछले तीन माह में ही 186 नागरिक वापस जा चुके हैं।

आईजी मुकेश त्यागी ने गुरुवार को कदमतला स्थित नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय में बीएसएफ के 61वें स्थापना दिवस पर संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 27 अक्टूबर को एसआईआर की घोषणा होने के बाद उत्तर 24 परगना के सीमा इलाकों से रोजाना बड़ी संख्या में लोग बांग्लादेश की ओर लौटते देखे गए हैं। कई लोगों ने स्वीकार किया है कि वे अवैध रूप से भारत आए थे और रोजगार की तलाश में घर छोड़ चुके थे। अब एसआईआर के माहौल में वे अपने देश वापस जाना चाहते हैं। कई लोगों ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया।

आईजी ने बताया कि संवेदनशील चिकेन नेक या सिलिगुड़ी कॉरिडोर में सुरक्षा काफी बढ़ाई गई है। यहां सीमा के करीब 75 प्रतिशत हिस्से में नई अत्याधुनिक फेंसिंग और कैमरे लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा अतिरिक्त जवानों की तैनाती भी कर दी गई है।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पाकिस्तान, भारत की सुरक्षा संबंधी जानकारी हासिल करने के लिए पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ) का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन बीएसएफ पहले से सतर्क है। जवानों और अधिकारियों को पीआईओ की गतिविधियों के प्रति जागरूक करने के लिए काउंसलिंग और कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। उनका दावा है कि पीआईओ की सक्रियता अब लगभग निष्क्रिय कर दी गई है।

मुकेश त्यागी के अनुसार जवानों को अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल न उठाने, व्हाट्सऐप के अनजान ग्रुप में शामिल न होने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस तरह की कोशिशें लगातार करता है, लेकिन बीएसएफ इन्हें रोकने में सफल है।

बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि सीमा पर नाइट विजन, बुलेट कैमरा और ड्रोन के जरिए निगरानी और मजबूत की गई है। पकड़े गए घुसपैठियों और तस्करों का पूरा डेटा जुटाने के लिए ‘फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन बैंकिंग’ शुरू की गई है। इससे दोबारा पकड़े जाने पर उनकी पूरी पृष्ठभूमि तुरंत पता लग सकेगी।

पिछले एक वर्ष में बीएसएफ ने 8 करोड़ 50 लाख से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थ बरामद किए हैं। इस साल अब तक 152 भारतीय नागरिकों को हिरासत में लेकर पुलिस के हवाले किया गया है, जबकि 440 बांग्लादेशी और 11 अन्य देशों के अवैध घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है। सीमा सुरक्षा के लिए पंप एक्शन गन का इस्तेमाल बढ़ा है और कैमरों के माध्यम से निगरानी भी और मजबूत की गई है।-----------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

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