कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में लाखों लोगों ने पढ़ी गीता, राज्यपाल बोले - धार्मिक अहंकार खत्म करने का समय आ गया

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कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में लाखों लोगों ने पढ़ी गीता, राज्यपाल बोले - धार्मिक अहंकार खत्म करने का समय आ गया


कोलकाता, 07 दिसम्बर (हि.स.)। कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में रविवार को लाखों की संख्या में जुटे लोगों ने सामूहिक तौर पर गीता पाठ कर इतिहास रच दिया है। कार्यक्रम में कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर बाबा), साध्वी ऋतंभरा और स्वामी ज्ञानानंद मौजूद थे। कार्यक्रम का आयोजन सनातन संस्कृति संसद की ओर से किया गया था, जिसके अध्यक्ष कार्तिक महाराज, स्वामी निर्गुणानंद और अन्य साधु-संतों ने कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभाई है। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस भी उपस्थित हुए।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य धार्मिक अहंकार खत्म करने काे तैयार है। ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित गीता पाठ कार्यक्रम में उन्होंने मुर्शिदाबाद में शनिवार को हुई एक घटना का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की। इस घटना का संदर्भ न देते हुए उन्होंने केवल इतना कहा कि उन्होंने “मुर्शिदाबाद में कुछ होते हुए देखा है।”

शनिवार को निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाई जाने वाली मस्जिद की आधारशिला रखी। इस कदम ने राज्य की राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है, खासकर जब अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कार्यक्रम को जानबूझकर 06 दिसम्बर, यानी 1992 की बाबरी ढांचा गिराए जाने की बरसी पर आयोजित किया गया।

गीता पाठ के मंच से राज्यपाल बोस ने भ्रष्टाचार खत्म करने की भी बात कही। उन्होंने भगवद्गीता के श्लोक “परित्राणाय साधूनाम विनाशाय च दुष्कृताम धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे” का उल्लेख करते हुए कहा कि धर्म की स्थापना और अधर्म के अंत का संकल्प हमेशा बना रहता है।

ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ‘पांच लाख कंठे गीता पाठ’ का आयोजन सनातन संस्कृति संसद द्वारा किया गया, जिसमें विभिन्न मठों और धार्मिक संस्थाओं के साधु-संत शामिल थे। इसे राज्य में अब तक के सबसे बड़े सामूहिक गीता पाठ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बंगाल की आध्यात्मिक परंपरा को उजागर करना और सामाजिक सद्भाव का संदेश देना है।

स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज, जिन्हें कार्तिक महाराज के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा कि “विभाजन के माहौल में आध्यात्मिक अभ्यास समाज को शांति और दिशा दे सकता है।” उनके अनुसार राज्यभर से बड़ी संख्या में भक्त पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की पुष्टि कर चुके हैं।

कार्यक्रम के लिए सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और चिकित्सा सुविधाओं की व्यापक तैयारी की गई है। विशाल मैदान में तीन बड़े मंच बनाए गए हैं और केंद्रीय कोलकाता में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है।-----------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

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