राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ऐतिहासिक बनाने में जुटेगा संघ परिवार

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राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ऐतिहासिक बनाने में जुटेगा संघ परिवार


-कार्यकारीमण्डल की बैठक में होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर मंथन

लखनऊ, 03 नवम्बर (हि.स.)। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरा संघ परिवार जुटेगा। विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में चले राम मंदिर आन्दोलन को देशभर के सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिला था। इसलिए प्राण प्रतिष्ठा समारोह से समाज के हर वर्ग और हर घर को जोड़ने पर विचार चल रहा है। इसलिए 22 जनवरी 2024 को प्रस्तावित राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में संघ के कार्यकर्ताओं की क्या भूमिका होगी, पर चर्चा कार्यकारी मण्डल की बैठक में होगी। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने की है।

गांव-गांव सभाएं करेगा आरएसएस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में घर-घर जाने की योजना बना रहा है। 05 नवम्बर को अयोध्या में बैठक है। इस बैठक में देश के सभी प्रान्तों से दो-दो कार्यकर्ता बुलाए गये हैं। इन कार्यकर्ताओं को राम मंदिर का पूजित अक्षत व हल्दी का कलश दिया जायेगा। इसके बाद 01 जनवरी से 15 जनवरी के बीच देशभर में घर-घर जाकर संघ कार्यकर्ता सम्पर्क करेंगे। प्रत्येक घर में हल्दी अक्षत के साथ, रामलला का चित्र और अयोध्या आने का आमंत्रण देंगे। संघ कार्यकर्ता जिन गांवों में आमंत्रण देने जायेंगे सबसे पहले उस गांव में सभा का आयोजन होगा। सभा के दौरान उपस्थित जनता को राम मंदिर के संघर्ष का इतिहास बताया जायेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारीमण्डल की तीन दिवसीय बैठक 05 से 07 नवम्बर तक गुजरात के कच्छ में होगी। इस बैठक में शामिल होने के लिए संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले समेत संघ के सभी अखिल भारतीय अधिकारी, सभी क्षेत्र प्रचारक, प्रान्त प्रचारक, सह प्रान्त प्रचारक, प्रान्त कार्यवाह व प्रान्त संघचालक सह समेत प्रमुख पदाधिकारी कच्छ पहुंच चुके हैं। कार्यकारीमण्डल की बैठक से पहले पदाधिकारियों की होने वाली बैठकें भी प्रारम्भ हो चुकी हैं।

कार्यकारीमण्डल की बैठक में अपेक्षित बदलाव भी संभव

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 व शताब्दी वर्ष को देखते हुए कार्यकारीमण्डल की बैठक में प्रान्त व क्षेत्र स्तर पर अपेक्षित बदलाव भी संभव है। कयास लगाये जा रहे हैं कि चुनाव की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सबसे अहम है। इसलिए उत्तर प्रदेश के कुछ प्रान्तों में फेरबदल होने की उम्मीद है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र को लेकर बैठक में कुछ बड़ा निर्णय भी हो सकता है। बैठक में शामिल होने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी प्रान्तों के प्रान्त प्रचारक, सह प्रान्त प्रचारक, प्रान्त कार्यवाह व सह प्रान्त कार्यवाह व प्रान्त संघचालक कच्छ पहुंच चुके हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक अनिल अस्वस्थ होने की वजह से बैठक में नहीं पहुंचे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/दिलीप

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