मनरेगा को कमजोर करने की साजिश के तहत राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है केंद्र सरकार: राजेंद्र पाल गौतम

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मनरेगा को कमजोर करने की साजिश के तहत राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है केंद्र सरकार: राजेंद्र पाल गौतम


पटना, 22 दिसंबर (हि.स.)। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मुख्यालय सदाकत आश्रम में सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के अनुसूचित जाति (एससी) विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम और बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोलते हुए विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को कमजोर करने का आरोप लगाया।

राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि जब संविधान का निर्माण हो रहा था, तब डॉ. भीमराव अंबेडकर काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाना चाहते थे, लेकिन उस समय की परिस्थितियों के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने इस आवश्यकता को समझते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू किया, ताकि गांवों में ही लोगों को रोजगार मिले और कोई भूखा न रहे। योजना के तहत खर्च का 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करती थी। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं को मजबूत करने और गांवों की जरूरत के अनुसार काम तय करने का अधिकार दिया गया था, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार इस योजना को धीरे-धीरे खत्म करने पर आमादा है।

गौतम ने आरोप लगाया कि महिलाओं, मजदूरों और युवाओं को हर स्तर पर ठगा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिखावे के लिए 100 दिन की जगह 125 दिन का काम घोषित किया, लेकिन पंचायती राज संस्थाओं से अधिकार छीन लिए गए और रोजगार की गारंटी भी कमजोर कर दी गई।

राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि अब मनरेगा के तहत कार्य तय करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास चला गया है और पहले से आर्थिक दबाव झेल रही राज्य सरकारों पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 40 प्रतिशत खर्च का भार उठाना किसी भी राज्य के लिए संभव नहीं है और इसी बहाने इस योजना को बंद करने की साजिश रची जा रही है।

योजनाओं के नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गौतम ने कहा कि यह सरकार नई योजनाएं लाने के बजाय पुरानी योजनाओं के नाम बदलने का काम कर रही है। उन्होंने विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के नाम परिवर्तन का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे केवल भ्रम पैदा होता है, जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलता।

इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि संप्रग की सरकार के दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में मनरेगा के जरिए गरीबों को सौ दिन की रोजगार गारंटी दी गई थी, जिससे ग्रामीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण को मजबूती मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने इस योजना को कमजोर कर दिया है और केंद्र के बजाय राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल दिया है।

राजेश राम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ऐसे किसी भी कानून और नीति का विरोध करती है, जो असमानता को बढ़ावा दे और मनरेगा के मूल उद्देश्य को नुकसान पहुंचाए। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधीवादी विचारधारा पर आधारित इस योजना को भी कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

संवाददाता सम्मेलन का संचालन कांग्रेस के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के अध्यक्ष राजेश राठौड़ ने किया। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रवीण कुशवाहा, बिहार प्रदेश एससी-एसटी विभाग के अध्यक्ष रविन्द्र पासवान, नदीम अख्तर सहित कई अन्य नेता उपस्थित रहे।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुरभित दत्त

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