विश्व में शांति स्थापित करने के लिए भारत का शक्तिशाली बनना जरूरी: नितिन गडकरी

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विश्व में शांति स्थापित करने के लिए भारत का शक्तिशाली बनना जरूरी: नितिन गडकरी


विश्व में शांति स्थापित करने के लिए भारत का शक्तिशाली बनना जरूरी: नितिन गडकरी


​नई दिल्ली, 23 दिसम्बर (हि.स.) । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि विश्व में शांति स्थापित करने के लिए भारत का शक्तिशाली बनना जरूरी है।

नितिन गडकरी ने यह बात आज दिल्ली स्थित आईजीएनसीए में 'नेशनल फर्स्ट' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कही। इस किताब के लेखक उदय माहूरकर हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य राष्ट्रवाद की त्रुटियों को सुधारना, सच्चे राष्ट्रवाद की परिभाषा देना, भारत को विश्व गुरु बनाना, वैश्विक शांति स्थापित करना, आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाना और सांस्कृतिक पहचान स्थापित करना है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि नितिन गडकरी, ​गेस्ट ऑफ ऑनर ​भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवम राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विनोद जी. खंडारे (सेवानिवृत्त) सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

मंत्री ने कहा, भारत को शक्तिशाली राष्ट्र बनने की आवश्यकता है, जिसका उद्देश्य विश्व में शांति स्थापित करना है, न कि किसी क्षेत्र पर विस्तारवादी या अधिकारवादी इरादे रखना। स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक विश्व धर्म सम्मेलन के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि संस्कृति का मूल विश्व कल्याण की बात करता है और यह सांप्रदायिक या जातीयवादी नहीं है।

​नितिन ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अपनाई गई नीतियों ने समस्याओं को सुलझाने के बजाय बढ़ाया है। उन्होंने राष्ट्रवाद के लिए आत्मनिर्भर भारत के विजन पर जोर दिया और कहा कि ​भारत वर्तमान में जीवाश्म ईंधन आयात पर 22 लाख करोड़ डॉलर खर्च करता है, जिसे वैकल्पिक और बायो-फ्यूल से खत्म किया जा सकता है।

मंत्री ने कहा कि भारत पाश्चात्यीकरण नहीं, बल्कि आधुनिकीकरण के पक्ष में है। भारतीय जीवन मूल्यों, संस्कृति, और विरासत पर आधारित आधुनिकीकरण ही विश्वगुरु बनने की कुंजी है।

त्रिवेदी ने भारतीय संस्कृति की विलक्षणता और राष्ट्रवाद की बात करते हुए जोर दिया कि भारत कई मायनों में पहले से ही दुनिया में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि आज की वैश्विक अशांति जैसे पारिस्थितिक असंतुलन, परमाणु खतरा, आतंकवाद, का समाधान भारत के सामंजस्य के संदेश से ही संभव है।

त्रिवेदी ने कहा कि 'नेशन फर्स्ट' पुस्तक का राष्ट्रवाद केवल अतीत की गलतियों को सुधारना नहीं, बल्कि भारतीय जीवन मूल्यों, संस्कृति, और नवाचार के साथ आधुनिकीकरण को अपनाकर भारत को आर्थिक, शैक्षणिक और औद्योगिक दृष्टि से विश्व गुरु बनाना है, ताकि वह विश्व में शांति स्थापित कर सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी

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