बोधिसत्व डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं हमें स्वीकारः रामदास आठवले
मुंबई, 15 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि हम बोधिसत्व डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा दिए गए 22 प्रतिज्ञाओं को स्वीकार करते हैं और बौद्धों के रूप में हम 22 प्रतिज्ञाओं का समर्थन करते हैं। यह बात रामदास आठवले ने शनिवार को मुंबई में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
रामदास आठवले ने कहा कि बोधिसत्व महामना डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा 14 अक्टूबर, 1956 को अपने ऐतिहासिक धर्म परिवर्तन के दौरान बौद्ध समाज को दिए गए 22 प्रतिज्ञाओं पर हमें गर्व है। ये 22 प्रतिज्ञाएं बौद्ध आदर्श जीवन शैली सिखाती हैं। हम डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा दिए गए 22 प्रतिज्ञाओं को स्वीकार करते हैं और उनका पालन करते हैं। प्रत्येक बौद्ध को इन 22 प्रतिज्ञाओं का पालन करना चाहिए। धम्म दीक्षा अनुष्ठान में हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने वाले किसी भी व्यक्ति को ये 22 प्रतिज्ञा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ जगहों पर इसको लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। मैंने धम्मदीक्षा समारोह की 22 प्रतिज्ञाओं का कभी विरोध नहीं किया है, इसके विपरीत, मैं स्वयं बौद्ध धम्म के प्रचार के लिए काम कर रहा हूं। महान व्यक्ति डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने मुंबई के रेस कोर्स मैदान में एक धम्मदीक्षा समारोह आयोजित करने का संकल्प लिया था लेकिन उससे पहले उनका महापरिनिर्वाण हुआ था। हमने उनके सपने को पूरा करने के लिए 2006 में मुंबई के रेस कोर्स मैदान में धम्मदिक्षा स्वर्ण जयंती समारोह बड़े पैमाने पर मनाया था। मैंने विश्व बौद्ध समाज के वैश्विक उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है, जो बौद्ध धम्म के प्रचार के लिए एक वैश्विक संगठन है। इसलिए बौद्ध धम्मदीक्षा के दौरान दिए गए 22 प्रतिज्ञाओं का हमने कभी विरोध नहीं किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर

