गार्डनरीच मामले में दिनभर होती रही सियासी जंग, भाजपा तृणमूल ने एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

गार्डनरीच मामले में दिनभर होती रही सियासी जंग, भाजपा तृणमूल ने एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप
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गार्डनरीच मामले में दिनभर होती रही सियासी जंग, भाजपा तृणमूल ने एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप


कोलकाता, 18 मार्च (हि.स.)। महानगर कोलकाता में एक निर्माणाधीन भवन के गिरने से पांच लोगों की मौत के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे तृणमूल के कारण हुआ हादसा करार दिया। वहीं सत्तारूढ़ दल ने इस मामले में राजनीति नहीं किए जाने की नसीहत दी।

कोलकाता के गार्डनरीच इलाके में एक निर्माणाधीन पांच मंजिला भवन ढहने से दो महिलाओं सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। घटनास्थल पर बचाव अभियान में लगे अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कम से कम चार लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। उनमें से केवल एक ही जिंदा हालत में नजर आ रहा है।

इस बीच हादसे को लेकर तृणमूल एवं भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल के नेतृत्व वाले कोलकाता नगर निगम (केएमसी) पर स्थानीय राजनेताओं और पुलिस की मिलीभगत से अवैध रूप से जल निकायों को भरने का आरोप लगाया।

शुभेंदु ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि 2010 के बाद जबसे तृणमूल ने वाम मोर्चे को हटाकर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) पर नियंत्रण हासिल किया है, केएमसी क्षेत्र के भीतर ही पांच हजार से अधिक जल निकायों को अवैध रूप से भर दिया गया है और परिवर्तित कर दिया गया है। शीर्ष तृणमूल नेताओं की शह पर स्थानीय पार्षदों, प्रवर्तकों और स्थानीय पुलिस के बीच मिलीभगत उस समय आसानी से पता चल गयी जब ऐसे जल निकायों को किसी भी कानूनी और प्रशासनिक बाधाओं के बिना भर दिया जाता है।

अधिकारी ने दावा किया कि गार्डन रीच क्षेत्र में 800 से अधिक ऐसे अवैध निर्माण मौजूद हैं, जिसे कोलकाता के मेयर और तृणमूल नेता फिरहाद हकीम का इलाका माना जाता है। उन्होंने कहा कि क्या वह जानकारी रहने का दिखावा कर सकते हैं? क्या इस बात पर विश्वास किया जा सकता है कि उनकी जानकारी के बिना उनकी नाक के नीचे ऐसे अवैध निर्माण हो रहे थे? यह कितनी शर्मनाक बात है कि दोषी ने अपने को बचाने वाले के भेष में पेश किया और राहत अभियान में (वीडियो) फुटेज में आगे नजर आये।

अधिकारी ने कहा कि मृतकों के परिजनों के लिए पांच लाख रुपये और घायलों के लिए एक लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा तृणमूल द्वारा पैदा की गई त्रासदी की भयावहता को देखते हुए बहुत कम है। उन्होंने मांग की कि मृतकों के परिवारों को कम से कम 50 लाख रुपये दिए जाएं और घायलों को कम से कम 10 लाख रुपये मिलने चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि कैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत तृणमूल नेताओं ने आम चुनावों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद मौद्रिक मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुआवजा राशि की कोई भी घोषणा केवल अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए, राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा नहीं।

शुभेंदु अधिकारी के आरोपों पर पलटवार करते हुए तृणमूल ने उनपर शवों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि एक दुखद घटना हुई है, भाजपा शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े होने के बजाय शवों पर राजनीति करने में व्यस्त है, यह शर्मनाक है।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि घटना बेहद दुखद है। बनर्जी ने एक रैली को संबोधित करने के लिए उत्तर बंगाल रवाना होने से पहले कहा कि बहरहाल, मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। विपक्षी नेता इस संबंध में विभिन्न सवाल उठा रहे हैं। उनके लिए मैं कहूंगा कि राजनीति प्रतीक्षा कर सकती है। हम बाद में राजनीति कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल हमें फंसे हुए लोगों को बचाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा/आकाश

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