संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में लोकतंत्र सेनानी संघ दिल्ली प्रदेश तथा 1975 आपातकाल बन्दियों के अखिल भारतीय संगठन ने गोल मार्केट के जैन भवन में “डॉ. हेडगेवारः राष्ट्र निर्माता” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया। मुख्य वक्ता के तौर पर संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि संघ अपनी शाखा में दो रिश्तों को जीवंत करता है– मिलकर चलेंगे, मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जहां व्यापार है वहां एक जोड़कर दो होता है, लेकिन जहां मानवता है वहां एक और एक ग्यारह होता है। एक और एक ग्यारह बनाने के लिए अहंकार को खत्म करना पड़ता है। इसी सूत्र को जीकर भारत विश्वगुरु बना है और फिर बनेगा। इन्द्रेश कुमार ने आपातकाल के दौरान संघ द्वारा झेली गई यातनाओं को याद करते हुए कहा कि अगर उस समय स्वयंसेवकों ने जेल नहीं भरी होती, तो आज लोकतंत्र जिंदा नहीं होता और हम संविधान दिवस भी न मना पाते। उन्होंने संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि संघ शताब्दी वर्ष में मानवता और भाईचारे का जीवनदर्शन जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। भारत ने पहली बार हिम्मत दिखाते हुए भारतीय मुद्रा में व्यापार शुरू किया और आज 36 प्रतिशत रक्षा सामग्री मेक इन इंडिया से बन रही है। सांसद एवं लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय महामंत्री राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि डॉ. इन्द्रेश कुमार पूरे देश में राष्ट्रीय चेतना जगाने का काम कर रहे हैं। लोकतंत्र सेनानी संघ मूलतः संघ का ही आनुषंगिक संगठन है। स्वतंत्रता संग्राम में संघ के कार्यकर्ताओं का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि व्यक्ति निर्माण के बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं। संघ कोई विचारधारा नहीं, एक नदी है जो सबको जोड़कर चलती है। डॉ. हेडगेवार ने स्वाधीनता आंदोलन में हिस्सा लिया, लेकिन महसूस किया कि पहले व्यक्ति निर्माण जरूरी है। संघ के विचार को घर-घर पहुंचाना होगा। कार्यक्रम को पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सत्यनारायण जटिया ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में संघ के प्रान्त कार्यवाह अनिल गुप्ता और भाजपा के पूर्व विधायक ओपी बब्बर मौजूद रहे। ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

