मेहुल चोकसी को बड़ा झटका : बेल्जियम सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण विरोधी अपील खारिज की, भारत वापसी का रास्ता साफ
नई दिल्ली, 09 दिसम्बर (हि.स.)। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट से बड़ा कानूनी झटका लगा है। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपितों में शामिल चोकसी की वो अपील, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण के फैसले को चुनौती दी थी, बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत कोर्ट ऑफ कैसशन ने खारिज कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, इस फैसले के बाद भारत की एजेंसियों की उम्मीदें और मजबूत हो गई हैं कि चोकसी को जल्द ही भारत लाया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा निचली अदालत का निर्णय
बेल्जियम अदालत के अधिकारी हेनरी वेंडरलिंडन ने जानकारी दी कि कोर्ट ऑफ कैसशन ने मेहुल चोकसी की अपील खारिज करते हुए साफ कहा है कि कोर्ट ऑफ अपील का निर्णय वैध रहेगा। इससे पहले एंटवर्प की कोर्ट ऑफ अपील ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को सही ठहराया था और इसे लागू करने योग्य माना था।
29 नवंबर 2024 को प्री-ट्रायल चैम्बर ने भी भारत की ओर से जारी 2018 और 2021 के गिरफ्तारी वारंट को उचित माना था। इस कानूनी पुष्टि के बाद चोकसी को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अंतिम रूप दे दिया है।
भारत की दलीलें हुई स्वीकार, ‘राजनीतिक प्रताड़ना’ का दावा खारिज
प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान भारतीय एजेंसियों ने बेल्जियम कोर्ट को मुंबई की आर्थर रोड जेल की तस्वीरें और सुविधाओं का विस्तृत विवरण दिया था। भारत ने आश्वासन दिया कि चोकसी को सभी मानवीय अधिकारों के अनुरूप रखा जाएगा और उसे निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया मिलेगी।
चोकसी ने अदालत में दावा किया था कि भारत में उसे राजनीतिक प्रताड़ना और अमानवीय व्यवहार का खतरा है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोपों को साबित करने वाला कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं किया गया। इसलिए भारत को उसे वापस लाने से रोकने का कोई आधार नहीं बनता।
बतादें कि पीएनबी में कथित 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में फरार चोकसी का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब भारत सरकार और जांच एजेंसियां चोकसी को देश वापस लाने की औपचारिक तैयारियों में तेजी ला सकती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

