बीड़ और परभणी घटना की हाेगी दाेहरी जांच, जिलाें के पुलिस अधीक्षकाें पर गिरी गाज
- बीड़ व परभणी के मृतकाें के परिवार को 10-10 लाख रुपये देगी सरकार
- दोनों मामलों में किसी भी दाेषी को बक्शा नहीं जाएगा: मुख्यमंत्री
मुंबई, 20 दिसंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र सरकार ने बीड़ और परभणी जिले में हुई घटनाओं की न्यायिक और एसआईटी के माध्यम से दोहरी जांच करवाने का निर्णय किया है। शासन ने परभणी जिले के पुलिस अधीक्षक काे निलंबित और बीड़ के पुलिस
अधीक्षक का स्थानांतरण कर दिया है। मुख्यमंत्री ने दोनों दुर्घटनाओं में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की
आर्थिक मदद करने का भी ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को नागपुर विधानसभा में कहा कि बीड़ और परभणी जिले में हुई घटनाओं की न्यायिक और एसआईटी के माध्यम से दोहरी जांच करवाई जाएगी। इन दोनों मामलों में किसी भी आरोपित को बक्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने बीड़ की घटना के लिए पुलिस अधीक्षक अविनाश बारंगल का तत्काल तबादला और परभणी की घटना के लिए पुलिस निरीक्षक अशोक घोरबंद को तत्काल निलंबित किए जाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री फडऩवीस ने विधानसभा में कहा कि बीड में अपराध पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बीड़ में हुई घटना का ब्योरा सभागृह में दिया और कहा कि मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख को पीट-पीट मारा गया, जो इंसानियत काे कलंकित करने वाली घटना है। इस घटना में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है, इसलिए इस मामले को द्विस्तरीय जांच करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अवाडा ग्रीन एनर्जी कंपनी ने बीड में निवेश किया है। कुछ लोगों ने यह मानसिकता बना ली है कि इस कंपनी का काम हमें दे दो या फिर रंगदारी दो। इसलिए जो भी बीड मामले का मास्टरमाइंड होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल लोगों पर भी मकोका के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों की घटनाओं में मृतकों के आश्रितों को आर्थिक मदद की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीड में मारे गए सरपंच संतोष देशमुख और परभणी की घटना में मारे गए सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवारों को दस-दस लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि परभणी जिले की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के संविधान का अपमान सभी भारतीयों का अपमान है। इसलिए यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परभणी में यह कृत्य एक मनोरोगी ने किया था। मेडिकल रिपोर्ट में भी स्पष्ट है कि वह मनोरोगी है, लेकिन इस घटना का विरोध करते हुए परभणी में आंदोलन किया गया था। इस आंदाेलन में शामिल 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें एक सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत हो गई। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार सोमनाथ सूर्यवंशी ने पुलिस की पिटाई न होने की जानकारी मजिस्ट्रेट को दी थी, लेकिन सोमनाथ की मौत से संदेह दूर हो, इसलिए इस घटना की भी द्विस्तरीय जांच करवाई जाएगी। ऐसे में उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल तनाव कम करने की कोशिश करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव