प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत दुनियाभर में छू रहा नई ऊंचाईयां, पर कुछ लोगों को नहीं हो रहा हजम : उपराष्ट्रपति
टोंक, 17 जनवरी (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पिछले दस साल में देश की शासन व्यवस्था बदल गई है। मगर कुछ लोग सोचते हैं कि वे कानून से ऊपर हैं और जब कोई अपने आप को कानून के ऊपर समझता है तो बाकी सब हताश हो जाते हैं कि यह हमसे अलग क्यों है। हमारे बराबर क्यों नहीं है? प्रजातांत्रिक व्यवस्था में तो सभी बराबर होते हैं। सभी को कानून के सामने हिसाब देना पड़ता है।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार को वनस्थली विद्यापीठ के 40वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में मानी जाती थी और पीएम ने ऐसा करिश्मा किया कि कनाडा को पीछे छोड़ा, इंग्लैंड को पीछे छोड़ा, फ्रांस को पीछे छोड़ा, कई देशों को पीछे छोड़ा हमने और आज भारत दुनिया में पांचवी आर्थिक महाशक्ति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगले 2-3 वर्ष में जर्मनी और जापान भी हमसे पीछे हो जाएंगे और भारत जहां दुनिया की आबादी का छठां हिस्सा रहता है, वह तीसरी आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा।
धनखड़ ने कहा कि तीन दशक तक महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण नहीं मिला पर पीएम ने कहा यह तो मुमकिन होना चाहिए। यह मुमकिन नहीं होगा तो उत्थान कैसे होगा? 20 और 21 सितंबर 2023 को यह बिल पास हो गया। अब आने वाले चुनाव में लोकसभा में कम से कम एक तिहाई महिला होंगी और ज्यादा भी होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि मुझे कुछ चिंताएं भी हैं। पहली मेरी चिंता यह है कि हमारा देश आगे बढ़ रहा है, कुछ लोगों का हाजमा बड़ा गड़बड़ है। उनकी संख्या बहुत कम है, वे इसको पचा नहीं पा रहे हैं। वनस्थली विद्यापीठ में इसका अनुसंधान होना चाहिए कि उनका हाजमा गड़बड़ क्यों है, विकास को क्यों नहीं पचा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि असफलता से आपको डर कभी नहीं लगना चाहिए। असफलता से डरने का मतलब आप सफलता का रास्ता बंद कर रहे हो। बहुत से प्रयास होते हैं, उनमें पहली बार में ही सफल होना आसान नहीं है। हम अमृत काल में जी रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप/सुनीत
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