(लोस-2024) बहरमपुर लोस सीट: पूर्व क्रिकेटर के जरिए अधीर चौधरी के मजबूत किले को भेदने की जुगत में तृणमूल

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(लोस-2024) बहरमपुर लोस सीट: पूर्व क्रिकेटर के जरिए अधीर चौधरी के मजबूत किले को भेदने की जुगत में तृणमूल


(लोस-2024) बहरमपुर लोस सीट: पूर्व क्रिकेटर के जरिए अधीर चौधरी के मजबूत किले को भेदने की जुगत में तृणमूल


कोलकाता, 19 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। राज्य की कई सीटें हाई प्रोफाइल हैं, जिनमें मुर्शिदाबाद की बहरमपुर सीट भी शामिल है। यहां से मौजूदा सांसद लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी हैं और वह पिछले पांच बार से यहां से सांसद रहे हैं।

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किस पार्टी से कौन उम्मीदवार

कांग्रेस ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है लेकिन अधीर रंजन चौधरी को ही टिकट मिलने की पूरी संभावना है। जबकि तृणमूल ने पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। मूल रूप से गुजरात के रहने वाले पठान टीम इंडिया के मशहूर खिलाड़ी रहे हैं। बहरामपुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और यहां पठान की उम्मीदवारी से तृणमूल आशान्वित है। हालांकि तृणमूल के अंदर ही पठान की उम्मीदवारी को लेकर विरोध के सुर उठ चुके हैं।

उथर भाजपा ने डॉ. निर्मल कुमार साहा को टिकट दिया है। निर्मल इलाके में मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हैं और साफ-सुथरी छवि के नेता हैं। अगर कांग्रेस तृणमूल के बीच मुस्लिम वोट बंटता है तो भाजपा को लाभ हो सकता है।

वाम मोर्चा यहां से उम्मीदवार नहीं देगी क्योंकि माकपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के आसार हैं।

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क्या है राजनीतिक इतिहास

1952 में देश में सबसे पहले हुए संसदीय चुनाव में बहरामपुर से त्रिदिव चौधरी जीते थे और वह 1984 तक सात बार सांसद रहे। उसके बाद सबसे लंबे समय तक सांसद रहने वालों में अधीर चौधरी शामिल हो गए हैं।

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निर्णायक है अल्पसंख्यक मतदाता, दिलचस्प इतिहास

बहरमपुर लोकसभा सीट इसलिए भी काफी अहम मानी जाती है क्योंकि यहां पर शुरू से ही अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में रहे हैं। बहरमपुर कांग्रेस का पुराना गढ़ है। बहरमपुर लोकसभा के अंतर्गत ये विधानसभा क्षेत्र आते हैं-कांदी, बरवा, भरतपुर, रेजीनगर, बेलडांगा, बहरमपुर, नउदा।

यह क्षेत्र मुर्शिदाबाद जिले में आता है। इस क्षेत्र पर मुर्शिद कुली खान का शासन रहा। यहां तब की मस्जिदें, मकबरे और उद्यान बने हुए हैं। निजामत किला, हज़ार्डियरी पैलेस, मोती झील यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल हैं। इस क्षेत्र में हाथी दांत, सोने और चांदी की कढ़ाई और रेशम की बुनाई के कई कारखाने हैं। यह प्रदेश की राजधानी कोलकाता से करीब 200 किलोमीटर दूर है।

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2019 में अधीर ने तृणमूल उम्मीदवार को दी थी मात

बहरामपुर में कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अपूर्बा सरकार को 2019 के लोकसभा चुनाव में हराया था। उन्होंने 80 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से शिकस्त दी।

इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल की राजनीति में दमखम रखने वाले अधीर रंजन चौधरी का दबदबा रहा है। अधीर चौधरी 1999 में बहरामपुर सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। उसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज कर संसद में पहुंचे। इस बार गठबंधन में माकपा और कांग्रेस साथ हैं इसलिए कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी के ही चुनावी मैदान में उतरने की संभावना है।

कुल मतदाता- 14,53,783

पुरुष वोटरों की संख्या- 7,52,943

महिला वोटरों की संख्या- 7,00,833

हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश/संजीव

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