उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरू, श्रद्धालुओं के लिए 11 भाषाओं में जारी होगी एसओपी
-बदरीनाथ-केदारनाथ में जल्द शुरू होंगे अस्पताल, यात्रा में मरीजों के उपचार में कोताही बर्दाश्त नहीं, होगी सख्त कार्रवाई : डा. आर राजेश कुमार
-इस बार चारधाम में 150 की मेडिकल टीम, 15-15 दिनों के लिए की जाएगी तैनाती
देहरादून, 03 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में स्वास्थ्य महकमा की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। चारधाम यात्रा से पहले बदरीनाथ और केदारनाथ में अस्पताल शुरू हो जाऐंगे। इस बार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) 11 भाषाओं में जारी की जाएगी। ताकि देश के विभिन्न हिस्सों और देशों से आने वाले श्रद्धालु यात्रा संबंधी जरूरी सूचनाएं पढ़ सकें। स्वास्थ्य सचिव ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वह चारधाम यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य का परीक्षण जरूर करा लें।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने एक जारी विज्ञप्ति में बताया है कि बदरीनाथ और केदारनाथ में अस्पतालों के लिए उपकरण खरीदने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक से मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्ग पर अनुभवी और उच्च हिमालय में काम करने के लिए प्रशिक्षित मेडिकल टीम को तैनात किया जा रहा है ताकि तीर्थयात्रियों को तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार विभाग चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुट गया है। चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यसचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्देश प्राप्त हुए थे। इसके क्रम में चारधाम यात्रा को लेकर सभी तैयारियां तेजी से चल रही हैं। सभी विभागों से समन्वय किया जा रहा है। सभी एक टीम के रूप में कार्य करेंगे।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ के अस्पताल में उपकरण यात्रा से पहले उपलब्ध हो जाएंगे। इसके लिए शार्ट टेंडर जारी होंगे। इस बार चारधाम में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 150 लोगों की मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी। इस टीम को हाई एल्टीट्यूड में काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। चिकित्सकों की तैनाती 15-15 दिनों के लिए की जाएगी। इस बार विभाग रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में तैनात डाक्टरों को चारधाम में तैनाती नहीं देगा। इसकी बजाए कुमाऊं और अन्य जिलों से डाक्टर और मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी।
उन्होंने यात्रियों से अपील की कि देवभूमि में आपका स्वागत है लेकिन यात्रा से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण जरूर करा लें। दिल और ब्लड प्रेशर के मरीजों के साथ ही गर्भवती महिलाएं भी अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा कर ही यात्रा करें। विभाग यात्रियों का स्वास्थ्य रिकार्ड रखेगा। यदि तीर्थयात्री को कहीं भी कोई असुविधा होती है तो वह अपनी जांच करा लें। मौसम के अनुकूल होने पर ही यात्रा करें।
तीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर रहेगा विशेष फोकस-
स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक चारधाम यात्रा के दौरान मार्ग पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य जांच का प्रबंध किया जा रहा है। इस बार शुरुआती चरण से तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस रखा जाएगा। चारधाम यात्रा रूट पर हैल्थ प्वॉइंट पर मरीजों के स्वास्थ्य की गहनता से जांच होगी। उसके बाद उन्हें आगे जाने दिया जाएगा।
एसओपी चारधाम की वेबसाइट के साथ ही अन्य जगहों पर भी अपलोड होगी-
चारधाम यात्रा में विदेशों के साथ ही देश के तमाम राज्यों से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि उनके लोकल भाषा में स्वास्थ्य गाइडलाइन न होने के चलते कई बार श्रद्धालुओं को गाइडलाइन समझने में दिक्कतें होती है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल एक बड़ी पहल करते हुए हिन्दी-अंग्रेजी के अलावा 9 अन्य भाषाओं में एसओपी जारी की थी। इस बार कुल 11 भाषाओं में एसओपी जारी होगी, जिससे अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को उनकी भाषा में स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइन और जानकारी मिल सकेगी। इससे उन्हें गाइडलाइन पूरी तरह से भी समझ आ जाएगा।
उन्होंने बताया कि अन्य भाषाएं जिसमें बंगाली, गुजराती, तमिल, तेलगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, मराठी और उड़िया भाषा में भी एसओपी जारी की जाएगी। इससे श्रद्धालु अपने लोकल भाषा में हेल्थ एसओपी को पढ़ पाएंगे। यह श्रद्धालुओं तक सुलभ तरीके से भी पहुंच पाएं। इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और सीएमओ को भी भेजा जाएगा। हेल्थ एसओपी चारधाम की वेबसाइट के साथ ही अन्य जगहों पर भी अपलोड होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज
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