आयुष मंत्रालय ने आरआईएस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया
नई दिल्ली, 27 फरवरी (हि.स.)। आयुष मंत्रालय और विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली मंत्रालय, (आरआईएस) ने मंगलवार को आयुष भवन में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन आयुष सेवा क्षेत्र का अवलोकन सामने लाएगा और आरआईएस के साथ शैक्षणिक सहयोग और सहयोग को जारी रखने में मदद करेगा। विभागीय सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने आयुष मंत्रालय की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किए जबकि महानिदेशक प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी आरआईएस की ओर से हस्ताक्षरकर्ता थे।
इस बारे में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि इससे न केवल राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय के लिए अनुसंधान, नीति संवाद और प्रकाशन, भारतीय पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए अकादमिक सहयोग और सहयोग को मजबूत करने का काम करेगी। इसके अलावा आयुष मंत्रालय और आरआईएस (विदेश मंत्रालय का एक नीति अनुसंधान स्वायत्त संस्थान) के बीच अकादमिक सहयोग में फोरम ऑन इंडियन ट्रेडिशनल मेडिसिन (एफआईटीएम) की निरंतरता भी शामिल है।
उन्होंने आरआईएस (भारत में आयुष क्षेत्र: संभावनाएं और चुनौतियां) की पिछली रिपोर्ट पर भी प्रकाश डाला और कहा, “इस रिपोर्ट के माध्यम से यह स्पष्ट हो जाता है कि आयुष विनिर्माण क्षेत्र पिछले 9 वर्षों में 8 गुना बढ़ गया है।”
आरआईएस के महानिदेशक प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने एमओयू के दायरे पर कहा, “आयुष क्षेत्र में पर्यटकों की कम आमद के बावजूद महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा प्रदान करके चिकित्सा पर्यटन का केंद्र बनने की क्षमता है। आरआईएस संबंधित रोडमैप पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है, क्योंकि यह समय की मांग है। आरआईएस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य आयुष को पूरा करना है।”
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल
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